पश्चिम मध्य रेल मजदूर संघ ने रेल कर्मचारियों की विभिन्न ज्वलंत समस्याओं को लेकर रेल महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष संघ अध्यक्ष सीएम उपाध्याय और महामंत्री अशोक शर्मा के निर्देश पर द्वार सभा व विरोध प्रदर्शन किया। संघ प्रवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि पदों के रिडिस्ट्रिव्यूशन की आड़ में मनमाने तरीके से विगत दिनों पश्चिम मध्य रेलवे प्रशासन ने मिनिस्ट्रियल कैडर के पद समाप्त कर अन्य कैडर के पद में परिवर्तित कर दिये, जिससे मिनिस्ट्रिल स्टॉफ के पात्र कर्मचारी पदोन्नति के अवसर से वंचित हो गए। पमरे प्रशासन के तुगलकी फरमान से रेल कर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
सतीश कुमार ने कहा कि जोन कार्यालय में आवश्यकता के अनुरूप काफी कम कर्मचारी कार्यरत है, हर कैडर के कर्मचारियों के पदों की संख्या बढ़ाने की मांग लगातार संघ करता रहा है। परन्तु किसी कैडर को घटा कर दूसरे को बढ़ाने के विवादास्पद निर्णय के खिलाफ है, उक्त नियम विरूद्ध प्रक्रिया को अन्य विभागों में भी लागू करने की साजिश चल रही है। मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, संजय चौधरी, आरए सिंह, अवधेश तिवारी आदि वक्ताओं ने कहा कि रेल कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है, पदोन्नति में विलम्ब, रेल आवासों की दुर्दशा, रेल अस्पताल में समुचित इलाज नही मिल रहा है। जरूरी दवाओ की कमी है, एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू करना, निजीकरण एवं निगमीकरण रोकने आदि मुद्दों पर भी रेल कर्मचारियों ने अपनी अवाज बुलंद की गई।
रेल मजदूर संघ को द्वार सभा में रेल कर्मचारियों के गगन भेदी नारों व हल्ला बोल से घबराकर बिजली आपूर्ति बंद कर दी, जिससे कर्मचारी और उग्र हो गए जिससे रेल प्रशासन व मजदूर संघ में टकराव की स्थिति बन गई। संघ के आग्रह पर विरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर कर्मचारियों ने कार्य कर तुगलकी फरमान का बहिष्कार किया।
प्रदर्शन के दौरान संघ के दीपक केसरी, रोशन यादव, आरए सिंह, जेपी मीना, हर्ष वर्मा, कुलदीप परसाई, दीपक सिंह, सुनील चक्रवर्ती, अफजल हाशमी, अरशद खान, पवन लाहिड़ी, सुदीप सिंह, ओपी चौकसे, पेरूलाल दास, नामसेन हलूले, धर्मेन्द्र चौधरी, तरूण बत्रा, विजय दुबे, ललन रावत, जयराम सिंह, मंदीप सिंह, अनिल चौबे, लेखराज, श्यामकला श्रीवास्तव, अजय तिवारी सहित सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे।