मध्य प्रदेश के ढाई लाख आउटसोर्स ठेका कर्मचारी जो विभिन्न विभागों, उपक्रमों व बिजली सेक्टर में कार्यरत हैं। आउटसोर्स कर्मी बुद्ध पूर्णिमा पर सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए सात दिवसीय यज्ञ अभियान चलाएंगे।
आउटसोर्स कर्मियों ने राज्य सरकार की बुद्धि की शुद्धि कर सरकार को प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव से पहले केन्द्र के ठेका कर्मियों के बराबर न्यूनतम मजदूरी दोगुना किए जाने की प्रेरणा देने हेतु बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर आज से सात दिवसीय यज्ञ अनुष्ठान प्रदेश भर में प्रारम्भ किया है। हिन्दू ठेका कर्मी यज्ञ, मुस्लिम कर्मी इबादत, सिक्ख कर्मी अरदास व क्रिश्चियन ठेका कर्मियों ने प्रार्थना हेतु ईश्वर की शरण ली है।
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चे के सह-संयोजक मनोज भार्गव ने कहा कि महँगाई चरम पर है, ऐसे में प्रतिमाह नौ से ग्यारह हजार की न्यूनतम मजदूरी में घर का खर्च चलाना बहुत जटिल है । खेदजनक बात है कि मध्य प्रदेश सरकार अपने ही बनाये गये न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत् 5 वर्ष बीतने पर भी न्यूनतम वेतन को पुनरीक्षित (रिवाइज़) नहीं कर रही है, जबकि 7 साल पहले के आधार मिनिमम वेजेस रिवाइज़ किया गया था।
उन्होंने बताया कि नगरीय चुनाव के पहले राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए अब आउटसोर्स ठेका कर्मी घर-घर यज्ञ अनुष्ठान व प्रार्थना कर प्रदेश भर के हर जिले में मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मुहीम चला रहे हैं।