खुद को प्रबंधन से भी ऊपर समझते हैं बिजली अधिकारी, मनमानी के चलते हजारों संविदा कर्मी परेशान

एक ओर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार संविदा कर्मियों को अनुबंध सिस्टम से मुक्त करने की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर खुद को सर्वेसर्वा समझने वाले बिजली अधिकारी कंपनी प्रबंधन का आदेश भी दरकिनार करते हुए मनमानी पर उतारू हैं। ऐसा ही मामला पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सामने आया है, जहां प्रबंधन के आदेश की अवहेलना करते हुए अधिकारी 1 माह से ज्यादा समय से संविदा कर्मियों का अनुबंध लटकाए हुए है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संविदा कर्मियों का अनुबंध समाप्त हुए एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अधिकारी अनुबंध का नवीकरण ही नहीं कर रहे है। जबकि पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन के द्वारा आदेश जारी किया जा चुका है कि संविदा कर्मियों का अनुबंध समाप्त होने के तीन दिवस के अंतराल में नवीकरण कर दिया जाए, किंतु एक माह से ज्यादा होने के बाद आज तक अनुबंध ना बढ़ाने से संविदा कर्मी भटक रहे हैं एवं कर्मचारियों की अत्याधिक कमी हो गई है। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं से संबंधित कार्य जैसे राजस्व वसूली, मेंटेनेंस, कटी बिजली को चालू करना आदि कार्य नहीं हो पाने से शिकायत केंद्रों एवं डीसीओ में उपभोक्ताओं की भीड़ लग रही है।

संघ के मोहन दुबे, अजय कश्यप, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, उत्तम पटेल, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपांकर, राजेश यादव, दशरथ शर्मा, मदन पटेल आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि एक माह से भटक रहे संविदा कर्मियों का अनुबंध तत्काल बढ़ाए जाए।