एमपी में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी तरस गए लेकिन 34 वर्ष की नौकरी में नहीं मिली एक भी पदोन्नति

मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी पदोन्नति के लिए तरस रहे लेकिन विडंबना है कि सरकार की उदासीनता और विभागीय अधिकारियों की अफसरशाही के चलते जिस पद पर नियुक्ति मिली, अधिकारी एवं कर्मचारी उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि प्रदेश के उपयंत्रीयों को नियुक्ति तिथि से सेवानिवृत्त होने की तिथि तक एक भी प्रमोशन नहीं दिए जा रहे हैं। प्रदेश के हजारों उपयंत्री बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं हिरण जल संसाधन, पीएचई जैसे विभागों में आज भी अनेक उपयंत्री भर्ती के पद में ही कार्य कर रहे है, जबकि प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश है कि वरिष्ठता के आधार पर उपयंत्री को पदोन्नत किया जाए, लेकिन प्रदेश शासन के आदेश के बाद भी विभागीय अधिकारियों की अफसरशाही के कारण उपयंत्री जिस पर में भर्ती उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के जिला संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, प्रदीप पटेरिया, मुकेश मरकाम, मुकेश चतुर्वेदी, देव, प्रदीप पटेल, धीरेंद्र सिंह, प्रशांत सोंधिया, योगेश चौधरी, एसके बांदिल, योगेंद्र मिश्रा, बरेला विभागीय समिति अध्यक्ष अजय दुबे, सतीश उपाध्याय, पीएल गौतम, रवि बांगड़ ने मध्य प्रदेश शासन के विभागों में पदस्थ उपयंत्रियों को पूरे सेवाकाल में कम से कम दो प्रमोशन दिए जाने की मांग की है।