Wednesday, May 1, 2024
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सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत 7 दिनों के मध्य प्रदेश प्रवास पर, संघ कार्यों की करेंगे समीक्षा

भोपाल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहनराव भागवत आगामी सात दिन मध्य प्रदेश में गुजारेंगे। वे यहां मुख्य रूप से तीन प्रान्त मालवा, मध्य भारत और महाकौशल के संघ पदाधिकारियों एवं मुख्य कार्यकर्ताओं, प्रचारकों की बैठक तो लेंगे ही साथ में विविध संगठनों के स्वयंसेवकों के साथ भी अलग से विमर्श करेंगे। संगठन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरएसएस सरसंघचालक डॉ. भागवत का इस बार का प्रवास मुख्य तौर पर प्रचारकों के कार्य एवं उसके विस्तार, समेत विविध संगठनों में समन्वय को लेकर है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले साल से हिन्दवी स्वराज्य स्थापना का 350वाँ वर्ष मना रहा है, इसके कार्यक्रम गत वर्ष शुरू होकर अभी भी चल रहे हैं। ज्ञात हो कि छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के उन महान व्यक्तित्वों में एक हैं, जिन्होंने समाज को सैकड़ों वर्षों की दासता की मानसिकता से मुक्त कर समाज में आत्मविश्वास व आत्मगौरव का भाव जगाया था। ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को उनका राज्याभिषेक हुआ तथा हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना हुई। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मार्च 2023 में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक में यह सर्वसम्मति से निर्णय किया गया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस पावन अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज का पुण्य स्मरण करते हुए स्वयंसेवक तथा सभी समाज घटकों से आह्वान करता है कि ऐसे सभी आयोजनों में भाग लेकर हिन्दवी स्वराज की स्थापना जैसी युगप्रवर्तक घटना का पुनःस्मरण करें।

अब आगे कुछ ही माह छत्रपति शिवाजी महाराज के स्थापित किए गए हिन्दवी स्वराज्य स्थापना वर्ष आयोजन उत्सव के शेष बचे हैं, ऐसे में डॉ. भागवत मध्य प्रदेश में संघ प्रचारकों समेत विविध संगठनों से यह जानेंगे कि उन्होंने जन जागरण के लिए राज्य भर में पिछले महीनों में क्या कुछ किया और समाज में उनके इन प्रयासों से क्या परिवर्तन दिखाई दे रहा है।

इसके साथ ही 27 सितंबर सन् 1925 में स्थापित संघ के गठन को भी 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। डॉ. भागवत अपने इस प्रवास में स्वयंसेवक पदाधिकारियों से यह भी जानेंगे कि शताब्दी वर्ष में संघ संगठन के विस्तार और सामाजिक समरसता का माहौल बनाने के एजेंडे पर मध्य प्रदेश में कितना आगे बढ़ा है और पूरे वर्षभर में यहां प्रचारक स्तर के कार्यकर्ताओं ने अपने लिए, सामूहिक संगठन के स्तर पर और विविध संगठनों ने क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिस पर वह आगे बढ़ रहे हैं।

एक विषय इन बैठकों में अयोध्या रामलला प्राण-प्रतिष्ठा और हिन्दू समाज के बीच जनजागरण का भी आएगा, जिसमें स्वयंसेवक पदाधिकारी अपने किए कार्यों के बारे में सरसंघचालक डॉ. भागवत को जानकारी देंगे, जिसमें आगे सरसंघचालक यह जानना जरूर चाहेंगे कि अब आगे क्या, हिन्दू समाज में जो जनजागृति रामलला प्राणप्रतिष्ठा से आई है, उसका स्थायी और संचारी भाव बना रहे, उसके लिए आगे स्वयंसेवक मप्र में क्या नवाचार करने वाले हैं। उसके लिए अभी क्या योजना बनी है ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक पानीपत में यह सहमति बनी थी कि विविध संगठनों में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें। इस मामले में पिछले वर्ष भर में कितना अमल हुआ, यहां अपने प्रवास के दौरान संघ सरसंघचालक यह भी जानेंगे।

इसके साथ ही डॉ. मोहन भागवत अपने मध्य प्रदेश के इस एक सप्ताह के प्रवास में यह भी जानेंगे कि संघ के प्रति जो भ्रांतियां लोगों के बीच हैं या जो इस तरह से नकारात्मकता फैलाने के कार्य में लगे हुए हैं, उनके बीच मप्र में संघ के स्वयंसेवक जाते हैं या नहीं। उनसे सतत संवाद करते हुए अपने कार्यों के बारे में बता रहे हैं अथवा नहीं। वहीं राष्ट्र-समाज के हित सभी राष्ट्रीय सोच रखने वाले संविचारी संगठन एक साथ काम करने के लिए आपस में ठीक से समन्वय और तालमेल बैठाएं, इस पर भी चर्चा होगी।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में आरएसएस सरसंघचालक डॉ. भागवत पहले उज्जैन जाएंगे। वे वहां 6 से 8 फरवरी तक हो रही कार्यकारिणी की बैठक में सहभागिता करेंगे। उसके बाद 9 से 11 को सरसंघ चालक भागवत मालवा का प्रवास पूरा कर मध्यभारत प्रांत के मुरैना जिले के प्रवास पर रहेंगे। मुरैना में मध्य प्रांत के प्रचारकों की बैठक में शामिल होने के साथ ही अन्य विविध संगठनों की समन्वय बैठक में सभी को उनका पाथेय मिलेगा।

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