Sunday, May 5, 2024
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प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी में इंदौर में बने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड

इंदौर (हि.स.)। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के रंग में प्रदेश सहित सम्पूर्ण इंदौर शहर रंग गया है। इसी क्रम में गत दिवस एसोसिएशन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल, नगर निगम और इंदौर सहोदय स्कूल द्वारा दशहरा मैदान में भगवान राम के जीवन पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी के जरिए, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया गया। यह जानकारी शनिवार को जनसम्पर्क अधिकारी आरआर पटेल ने दी।

इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बच्चों को भजन भी सुनाया और बच्चों से 22 जनवरी को घरों के बाहर दीपक जलाने और पटाखे फोड़कर दीपावली मनाने का आग्रह भी किया। समारोह में विधायक रमेश मेंदोला, विधायक मालिनी गौड़, विधायक मधु वर्मा और महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी उपस्थित थे।

160 स्कूलों के स्टूडेंट्स हुए शामिल

एसोसिएशन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल अध्यक्ष अनिल धूपर ने शनिवार को बताया 160 स्कूलों के विद्यार्थियों ने पेंटिंग बनाई है। प्रदर्शनी में 41 हजार एक सौ 48 पेंटिंग हजार पेंटिंग को प्रदर्शित किया गया। इससे पहले का रिकॉर्ड 26 हजार का था। विद्यार्थियों को पेंटिंग बनाने के लिए भगवान राम, रामायण, रामचरित मानस की हर जानकारी दी गई थी, साथ ही वीडियो भी दिखाए गए। इसी के आधार पर विद्यार्थियों ने पेंटिंग तैयार की, जिसका प्रदर्शन इस एग्जीबिशन में किया गया। इस पूरी प्रक्रिया को मात्र एक सप्ताह में मूर्त रूप देना भी किसी रिकॉर्ड से कम नहीं माना जाएगा । बच्चों ने मिलकर इसे सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किए है।

पेंटिंग में नजर आया राम जन्म से उत्तरकांड तक का नजारा

प्रदर्शनी को देखकर ऐसा लग रहा था मानों बच्चों ने रामायण के सभी प्रसंगों को पेंटिंग में उकेर दिया। इन पेंटिंग्स में राम जन्म से लेकर उत्तरकांड तक के सुंदर चित्रण देखने को मिले। बच्चों ने अपनी कलाकारी से इन सभी दृश्यों को कैनवास पर इस प्रकार से उकेरा जैसे उन्होंने इन घटनाओं को अपने सामने होते हुए देखा हो। हर बारिकी को बेहद खूबसूरती के साथ पेंटिंग्स पर उकेरा गया था। सीबीएसई सहोदय ग्रुप की चेयरपर्सन ईसाबेल स्वामी ने बताया कि हर स्कूल से अधिकतम 1 हजार और न्यूनतम 500 पेंटिंग मंगवाई गई। 2 हजार विद्यार्थी और 500 शिक्षक प्रदर्शनी को मूर्त रूप दिया।

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