MP: बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते, फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद विद्युत कंपनी के एमडी को हुई कर्मियों की चिंता

MPEB Takniki karmachari sangh

बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते, ये महज़ एक फिल्मी गाना नहीं है, ये आईना है मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन की कार्यप्रणाली का। ये सच है आईएएस और इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा हासिल करने वाले अधिकारियों का।

ये वो उच्च शिक्षित अधिकारी हैं, जिनके पास न कोई सोच है और न ही कोई योजना है। प्रदेश में एक वर्ष पहले आयी कोरोना संक्रमण की पहली लहर से लेकर आज तक अपनी जान को जोखिम में डालकर कार्य करने वाले विद्युत कंपनी के नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों की सुध नहीं लेने वाले अधिकारी अब खुद अपनी पीठ थपथपाने की पूरी तैयारी में है।

देश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन की केंद्र सरकार की घोषणा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सभी नागरिकों के मुफ्त टीकाकरण के ऐलान के बाद जागे पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंधन ने कंपनी क्षेत्र के कलेक्टर्स को पत्र भेजकर टीकाकरण के प्राथमिकता दिए जाने का अनुरोध किया है।

विश्वस्त सूत्रों प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी ने कलेक्टर्स को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान में कोविड -19 की विषम परिस्थितियों में भी विद्युत कार्मिक 24X7 सतत् विद्युत आपूर्ति हेतु निरंतर कार्यरत है एवं अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये बड़ी संख्या में कोविड-19 से संक्रमित भी हो रहे है।

उन्होंने कहा कि विद्युत की सतत् आपूर्ति बनाये रखने हेतु यह आवश्यक है कि विद्युत कार्मिकों ( नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स ) का अतिशीघ्र कोविड-19 से बचाव हेतु टीकाकरण कराया जाए। अत: 1 मई से 3 मई के बीच विद्युत कार्मिकों के टीकाकरण हेतु विशेष कैम्प आयोजित किये जाने का अनुरोध है।

साथ ही समस्त टीकाकरण केन्द्रों को अपने स्तर से विद्युत कार्मिकों के टीकाकरण हेतु उपस्थित होने पर उनके परिचय पत्र दिखाये जाने पर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाने हेतु निर्देश जारी करने का कष्ट करें। विद्युत की सतत् आपूर्ति हेतु विद्युत कार्मिकों को कोविड-19 संक्रमण से बचाना अतिआवश्यक है। अत : प्राथमिकता के आधार पर विद्युत कार्मिकों के टीकाकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।

गौर करने वाली बात है कि अभी भी कंपनी प्रबंधन ने न तो प्रदेश सरकार से और न ही भोपाल में बैठे आला अधिकारियों से इस बात का अनुरोध किया कि विद्युत कार्मिकों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। खासतौर पर कंपनी के नियमित, संविदा और आउटसोर्स लाइन कर्मी लगातार कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं।

सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और नगर निगम की सफाई सेवाओं के साथ ही विद्युत विभाग की सेवाओं को भी अति आवश्यक सेवा में शामिल किया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और नगर निगम की सफाई सेवा के कर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा तो दे दिया, लेकिन विद्युत विभाग के कर्मी आज तक इससे वंचित हैं।

वहीं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन ने भी इसके लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किये और एक साल में भी विद्युत कर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा नहीं दिला पाया। अगर कंपनी के नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स को कोरोना योद्धा का दर्जा मिल जाता तो अब तक सभी का वैक्सीनेशन हो गया होता और साथ ही कोरोना योद्धा को मिलने वाले सरकारी लाभों का फायदा भी मिलता।