एमपी में नियम विरुद्ध अनुकम्पा नियुक्ति देने वाले अधिकारी बचे, कर्मचारी हुए दंडित

मध्य प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के पश्चात प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा टीईटी एवं बीएड अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को भ्रष्टाचार करते हुए नियम विरुद्ध अनुकम्पा नियुक्तियां दी गई, जिसमें अनियमित अनुकम्पा नियुक्ति के दोषी लिपिकों को दंडित किया जा चुका है, परन्तु नियम विरुद्ध अनुकम्पा देने नियुक्ति के दोषी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध संचालनालय और शासन स्तर पर कार्यवाही आज भी लंबित है।

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा निरंतर नियम विरूद्ध नियुक्तियां दिये जाने का क्रम आज भी जारी है। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रति शासन की संवेदनशीलता को ताक पर रख कर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए स्वयंभू नियमों से अनुकम्पा की जा रही है।

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संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह. मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, संजय उपाध्याय, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, चूरामन गुर्जर, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, प्रशांत श्रीवास्तव, शाहिल सिद्दीकी, गोविन्द विलथेर, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर, गौरव सेंगर आदि ने प्रमुख सचिव मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग को ईमेल भेजकर मांग की है कि नियम विरूद्ध अनुकम्पा नियुक्ति देने के दोषी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कि जाए।