बंद हो कार्यभारित कर्मचारियों का शोषण, एमपी सरकार के सौतले व्यवहार से परेशान हजारों स्थाई कर्मी

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की लोक निमार्ण विभाग, सिंचाई विभाग, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग, नलकूप विभाग, हिरन जल संसाधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आदि विभागों में सैंकडों की तादाद में ऐसे स्थाई कर्मी कार्यरत हैं, जिनकी सेवायें लगभग 25-30 वर्षों की हो गई हैं। किन्तु उनका नियमितिकरण के नाम पर स्थाई कर्मी होने का झुनझुना पकड़ा दिया गया है, लेकिन उनको नियमित कर्मचारियों की भांति वेतन एवं भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, यात्रा भत्ता आदि का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। शासन द्वारा अनेक बार संगठन को यह आश्वासन दिया गया कि कार्यभारित कर्मचारियों की मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाएगा, किन्तु इनका निराकरण आज तक नहीं किया गया।

संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, संजय यादव, मुकेश सिंह, बृजेश मिश्रा, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, श्याम नारायण तिवारी, शैलेन्द्र पाठक, संजय उपाध्याय, गिरीशकांत मिश्रा, शकील अंसारी, बब्लू ठाकुर, संतोष श्रीवास्तव, रामकुमार कतिया, गोविन्द विल्थरे, डीडी गुप्ता, रजनीश तिवारी, एनएल चौधरी, सुरेन्द्र जैन, आशुतोष तिवारी, संत कुमार छीपा, श्रीराम झारिया, आनंद रैकवार, विनोद पोद्दार, हिमांशु शुक्ला, संतोष नामदेव, दिनेश मिश्रा, मुकेश धनगर, राकेश सेंगर, राजेन्द्र दुबे, नरेन्द्र शुक्ला, विनोद साहू, अरूण दुबे, केके विश्वकर्मा, बलराम नामदेव, सुनील सेठी, संतोष तिवारी, प्रियांशु आदि ने शासन से मांग की है कि कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की भांति वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाओं प्रदान की जाए।