जबलपुर के जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा भेजी गई जिले की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुये दण्ड प्रक्रिया संहिता की 1973 की धारा 144 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर जिले में ऐसे पटाखों के क्रय-विक्रय भण्डारण एवं परिवहन की गतिविधियों पर रोक लगा दी है, जिनके निर्माण में बेरियम साल्ट का इस्तेमाल किया गया है।
जिला दण्डाधिकारी ने प्रतिबंधात्मक आदेश में लड़ी में (जुड़े हुये) पटाखों तथा ऐसे पटाखों जिनकी तीव्रता विस्फोट स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीबल से अधिक हो के क्रय-विक्रय भण्डारण एवं परिवहन पर भी रोक लगाई है। इसके साथ ही एण्टीमोनी लिथियम, मरकरी, आर्सेनिक, लेड, स्ट्रोनटियमक्रोमेट का उपयोग कर बनाये गये पटाखों के क्रय-विक्रय, भण्डारण एवं परिवहन को भी प्रतिबंधित किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि पटाखों का ई-कॉमर्स अथवा निजी व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन विक्रय तथा गैर लायसेंसी विक्रय पर भी पूर्णत: रोक रहेगी। रात्रि 8 बजे से पहले एवं रात्रि 10 बजे के बाद पटाखे चलाना भी प्रतिबंधित रहेगा। प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार त्यौहार के दौरान अस्पताल, नर्सिग होम, स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षण संस्थानों, माननीय न्यायालयों, धार्मिक स्थलों आदि जैसे शांत क्षेत्रों से 100 मीटर की दूर तक पटाखे नहीं चलाये जा सकेंगे। आयुध निर्माणी, पेट्रोल पम्प, गैस गोदाम इत्यादि ज्वलनशील स्थानों पर भी पटाखे चलाना प्रतिबंधित रहेगा।
प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पटाखा चलाने के बाद उत्पन्न कचरे को ऐसे स्थान पर नहीं फेका जा सकेगा जहां प्राकृतिक जल स्त्रोत एवं पेयजल स्त्रोत प्रदुषित होने की संभावना हो। आदेश में कहा गया है कि इस कचरे को एकत्रित कर संबंधित स्थानीय निकायों के सफाई कर्मचारियों को ही सौंपा जाये।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है और यह आगामी आदेश तक लागू रहेगा। इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध विस्फोटक नियमों तथा भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी आदेश में दी गई है।