मध्य प्रदेश की बिजली कंपनी ने अपनी कार्यालयीन प्रक्रियाओं में नवाचार करते हुये पूरे प्रदेश में अपने कार्यालयों के लिये एकीकृत मानव संसाधन कार्यक्रम प्रारंभ किया है। शासन द्वारा सरकारी कार्यालयों की कार्यशैली को बेहतर और प्रभावी बनाने के लिये नवाचार अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता मानव संसाधन एवं प्रशासन आर के खंडेलवाल ने बताया कि इसी के तहत प्रदेशभर के एमपी ट्रांसकों के कार्मिकों को मुख्यालय जबलपुर स्थित मुख्य अभियंता (मा. संसा. एवं प्रशा.) कार्यालय से विभिन्न विभागों के कार्मिक दौरा कर मानव संसाधन से संबंधित उनकी समस्याओं का समाधान एक ही जगह करेगे।
इस सबंध में गतदिवस भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन अनेक समस्याओं का त्वरित निदान हुआ, जिनके लिये कार्मिकों को मुख्यालय जबलपुर आना पड़ता। इस कार्यक्रम में विभिन्न नियमों, प्रक्रियाओं का सरलीकरण और इन्हे लेकर शंकाओं का समाधान किया गया और भविष्य में भी इसी तर्ज पर किया जायेगा।
कैपेसिटी बिल्डिंग और टेलेंट हंट पर दिया जायेगा जोर
इस कार्यक्रम में कार्मिकों की कैपेसिटी बिल्डिंग (सम्पूर्ण विकास) के लिये पहचान की जायेगी ताकि संबंधित क्षेत्र में उन्हे आंतरिक या जरूरत पड़ने पर बाह्य संस्थाओं द्वारा विकासोन्मुख प्रशिक्षण दिया जा सके। टेलेंट हंट में कार्मिकों के किसी विशेष क्षेत्र में काम करने की निपुणता पहचान कर उसे प्रोत्साहित किया जायेगा। एमपी ट्रांसकों के मुख्य अभियंता मानव संसाधन एवं प्रशासन आरके खंडेलवाल ने बताया कि कार्यक्रम में ईआरपी में आने वाली दिक्कतों के साथ मेडिकल देयक, यात्रा देयक, ठेकेदार के विभिन्न कार्यों के देयकों का भुगतान करने में आने वाली समस्याओं का समाधान करना भी शामिल है।
कानूनी पहलुओं से भी कराया जायेगा अवगत
इस एकीकृत मानव संसाधन कार्यक्रम में एमपी ट्रांसकों के विधि अधिकारी सियाराम शर्मा द्वारा कार्मिकों को कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया जायेगा। खासकर कार्यालयों में पदस्थ स्टेनों और न्यायालय का कार्य देखने वाले कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि शुरूआत में कुछ प्रकरणों में होने वाली मामूली चूक को रोका जा सके।
पूरे प्रदेश में आयोजित होंगे कार्यक्रम
एमपी ट्रांसकों प्रारंभ में प्रदेश के महानगरों के अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसे बाद में संभागीय स्तर के कार्यालयों तक विस्तारित किया जायेगा।