मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेन्द्र दुबे ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि फागुन माह में भारत वर्ष का सबसे बड़ा त्यौहार होली महापर्व बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के विकास खण्ड जबलपुर, पाटन, पनागर, शहपुरा, सिहोरा, कुण्डम के हजारों लोक सेवक बिना वेतन के होली मनाने मजबूर रहे है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेश हैं कि समस्त कर्मचारियों का वेतन माह की 5 तारिख तक होना सुनिश्चित हो, उसके बाद भी जबलपुर के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की कुंभकरणी नीन्द सो रहे लापरवाह, धमण्डी, अहंकारी, प्रशासकीय अक्षमता के चलते विभाग के अल्प वेतन भोगी भृत्य भी वेतन से वंचित रहे। प्रायः तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का माह फरवरी के वेतन से वृत्तिकर, आयकर की एकमुश्त कटौती होती है, यदि कुछ दिन और वेतन प्राप्त नहीं होता है, तो होली तो बेरंग हो ही गई।
अब एकमुश्त वृत्तीकर एवं आयकर की चालान के माध्यम से जमा करने मजबूर होना पड़ेगा तथा वेतन समय पर न मिलने के कारण शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अनावश्यक बैंक अधिभार, स्कूल फीस, बिजली बिल जैसे महत्वपूर्ण जरूरतों पर भी अधिभार शुल्क देना पड़ेगा। ऐसे लापरवाह प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर सहित लापरवाह विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे।