मध्य प्रदेश सरकार के एस्मा लगाए जाने के बाद भी बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी रही है। इस दौरान संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में अधिकारी कर्मचारी लगातार 24 घंटे से काम कर रहे हैं।
वहीं सतपुड़ा थर्मल पावर हाउस सारणी में कार्यपालन अभियंता पाली की स्वास्थ्य स्थिति खराब होने से अस्पताल में एडमिट हो चुके हैं एवं अब पाली बिना कार्यपालन अभियंता के संचालित हो रही है। वहीं लगातार ड्यूटी करने से बिजली कर्मियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब हो गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
वहीं आल इंडिया अभियन्ता संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे जी ने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया एवं बताया कि आज पूरे देश का विद्युत कर्मी मध्य प्रदेश के विधुत कर्मियों के साथ खड़ा है यदि विद्युत कर्मियों पर कोई कार्यवाही की तो पूरे देश के विद्युत कर्मी आंदोलन करेंगे।
मध्य प्रदेश के विद्युत विभाग के प्रमुख संगठन अभियन्ता संघ, यूनाइटेड फोरम, पावर इंजीनियर असोसिएशन के आव्हान पर आज 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के प्रथम दिन 70 हजार विद्युत कर्मी, 56 हजार पेंशनर आंदोलन का हिस्सा बनें।
विद्युत विभाग के कर्मी प्रमुख 8 मांगे सरकार के समक्ष रख रहे थे। प्रमुख मांगे- निजीकरण को रोकने, पेंशन सुरक्षा एवं 2005 से नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन, सातवें वेतन में ओ3 स्टार कालम को विलोपित करने, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, आउटसोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि एवं 20 लाख तक का दुर्घटना बीमा, 2018 के बाद कनिष्ठ अभियंता, प्रोग्रामर एवं अन्य कर्मियों की वेतन विसंगति, उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंता को सहायक अभियंता की नीति, अनुकम्पा नियुक्ति में शासन अनुसार सुधार।
इन मांगो को लेकर पूर्व में 28 जून को भी कार्य बहिष्कार किया गया था एवं 7 जुलाई को प्रमुख सचिव ऊर्जा द्वारा कुछ मांगों पर लिखित में सहमति भी दी थी, परंतु आज दिनांक तक किसी भी मांग को पूरा न कर सरकार ने विद्युत कर्मियों के साथ विश्वासघात किया है एवं पूर्ण रूप से अनदेखा किया है।
कार्य बहिष्कार के दौरान पावर स्टेशन, SLDC ओर अन्य कार्यालय में कर्मी ड्यूटी पर 20 घंटे से लगातार कार्य कर रहे हैं। जिसकी वजह से कुछ कर्मियों का स्वस्थ खराब हुआ है। आंदोलनरत कर्मियों ने अस्पताल पहुंचाया गया है।
इस दौरान फ्यूज ऑफ काल और मेंटेनेन्स के कार्य अटेंड नही किये गए, सभी ने अपने मोबाइल बन्द रखें, विद्युत विभाग के सभी संघठनो द्वारा आम जनता से धैर्य रखने एवं सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया, परन्तु शासन अपनी हठधर्मिता रखते हुए अभी तक मौन है, जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।