बिजली कंपनी के आउटसोर्स तकनीकी कार्मिक ने अपनी जान की परवाह किए बिना कमर तक पानी में डूबे इंदौर नार्थ जोन 220 के.व्ही. सबस्टेशन में आयसोलेटर लगाकर शहर की विद्युत व्यवस्था को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
इंदौर में विगत कुछ दिनों में हुई भारी बरसात के दौरान शहर के विभिन्न स्थानों पर वृक्षों की डालियां विद्युत लाइनों पर गिरने तथा अन्य कारणों से अनेक क्षेत्रों में विद्युत व्यवधान हो गया था। ऐसे समय लोगों को विद्युत की सबसे ज्यादा जरूरत थी, पूरा शहर जल मग्न हो चुका था। जिस स्थान पर आयसोलेटर को लगाना था, वहां कमर तक पानी था।
इंदौर वासियों, खासकर सांवेर रोड़ के फीडर से जुडे़ उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल की जा सके, इस भावना के साथ गालिया हटीला ने यार्ड में आयसोलेटर लगाने के इस जोखिमपूर्ण कार्य को अपनी जान की परवाह किए बिना, समस्त आवश्यक सुरक्षा सामग्री को उपयोग में लेते हुए सावधानी पूर्वक अंजाम दिया, इससे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी।
आयसोलेटर लगाये बिना नहीं मिल सकती थी सप्लाई
दरअसल इंदौर क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण शहर की घनी आबादी नार्थ जोन इंदौर में स्थित मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के महत्वपूर्ण 220 के.व्ही. सबस्टेशन के यार्ड में कमर तक पानी भर गया था। इसी दरमियान इस सबस्टेशन से निकलने वाली 33 के.व्ही. की कुछ लाइनों में विद्युत व्यवधान हो गया था। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इस अत्याधिक बारिश में इन लाइनों का सुधार कार्य कर लिया गया था, पर विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति तभी बहाल हो सकती थी, जब 220 के.व्ही. सबस्टेशन नार्थजोन से इन लाइनों का 33 के.व्ही. का आयसोलेटर लगाया जाता।
सबस्टेशन के यार्ड में कमर तक भरे पानी में आयसोलेटर लगाना एक बेहद जोखिम भरा काम हो सकता था। लेकिन सबस्टेशन में ड्यूटी पर कार्यरत आउटसोर्स ऑपरेटर गालिया हटीला ने दिलेरी और हिम्मत दिखाकर इस कार्य को बेहद उत्कृष्टता से किया। इस कार्य में आउटसोर्स सुरक्षा सैनिक आकाश पवार ने भी पूरी हिम्मत और विश्वास के साथ गालिया हटीला का साथ दिया।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर और एमपी ट्रांसको के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने आउटसोर्स तकनीकी कर्मी गालिया हटीला एवं सुरक्षा सैनिक आकाश पवार को इस साहसपूर्ण कार्य निष्पादन के लिये बधाई दी है।