जबलपुर के रामपुर में स्थित एकलव्य बालक-बालिका छात्रावास में विगत दिनों जहरीले भोजन परोसने के मामले में दोषी मानकर प्राचार्य सहित छात्रावास अधीक्षकों पर निलंबन की कार्यवाही की गई है, परंतु आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। अपराधी है तो आपराधिक मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया जा रहा है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंद्र दुबे ने संभागीय आयुक्त को बताया कि अपराधियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग, एकलव्य विद्यालय पर कोई कार्यवाही न किये जाने से कार्यवाही में लीपा-पोती करने की बू आ रही है।
सैकड़ों छात्रों का जहरीले भोजन करने से एक साथ अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी उपायुक्त द्वारा उनका हाल-चाल जानने अस्पताल नहीं पहुंचना, आदिवासी छात्रों के प्रति उनकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। जिसकी जनता में भारी निंदा की जा रही है।
जहरीले भोजन परोसने की यह घटना छात्रों की जागरूकता और सजगता के चलते सामने आ गई। ऐसे कई मामले अधिकारियों द्वारा दबा दिये जाते हैं। आदिवासी विभाग द्वारा संभाग में सैंकडों छात्रावासों का संचालन किया जाता है, जहां गरीब छात्र-छात्राओं को शासन से मिलने वाली सुविधाओं पर डाका डालकर उन्हें गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा होगा, संभाग के सभी आदिवासी छात्रावासों की सूक्ष्म जांच आवश्यक है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, शैलेन्द्र दुबे, शेखर मिश्रा, श्यामलाल शर्मा, महेश कोरी, अभय उपाध्याय, नमन उपाध्याय, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, श्यामनारायण तिवारी आदि ने आज कमिश्नर जबलपुर संभाग को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जहरीले भोजन परोसने वाले जिम्मेदार अधिकारी संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग जबलपुर के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराते हुए उनके निलंबन की कार्यवाही की जावे।