मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय सरक्षक योगेन्द्र दुबे ने जारी विज्ञप्ति में मांग करते हुए बताया कि जिला कोषालय अधिकारी जबलपुर एवं उनके अधीनस्थ लिपिक को आहरण एवं सवितरण कार्य से पूर्णत अलग रखा जाये। कर्मचारियों के हितार्थ उक्त लिपिक को किसी भी प्रकार के वित्तीय प्रभार न दिये जाये, इन्हें वित्तीय कार्य के अतिरिक्त कोई कार्य दिया जाये, जिससे कर्मचारियों को परेशानी न हो। जिला चिकित्सालय के डीडीओ कार्य उक्त लिपिक पास है। स्वास्थ्य विभाग से कोषालय में जो कर्मचारियों के देयक प्रस्तुत किये जाते हैं उनमें अनावश्यक आपत्तिया दर्ज की जाती है।
एक बार आपत्ति निराकरण करने पर तदोपरांत पुनः आपत्ति लगा दी जाती है। जबकि नियमानुसार सभी आपत्तियां एक ही बार लगाई जानी चाहिए, परंतु बार बार अलग अलग आपत्तियां लगाकर देयक को वापिस किया जाता है और इन आपत्तियों का कारण एक उन आपत्तियों का निराकरण किस प्रकार करना है? यह कोषालय लिपिक द्वारा नहीं बताया जाता है। जिससे कर्मचारियों को बच्चों की पढाई शादी ब्याह, बड़ी बीमारी एवं भवन निर्माण संबंधी कार्यों के लिए धन की आवश्कता के लिए लंबा इंतजार करना पडता है एवं इससे कर्मचारियों को महीनों तक कार्यालयों के चक्कर लगाना पडता है।
बार बार आपत्ति से लिपिक के कार्य में सामंजस्य स्थापित नहीं हो पा रहा है। अतः किसी भी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो इसलिए इस जिला चिकित्सालय स्वास्थ्य विभाग (सीएमएचओ/सिविल सर्जन/जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय) किसी अन्य लिपिक को शीघ्र प्रदान करने का कष्ट करें, शासकीय कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि उक्त लिपिक के पास कोषालय अधिकारी की मिलीभगत से कोषालय के लगभग 70 प्रतिशत डीडीओ का प्रभार है। कोषालय अधिकारी को बार-बार ज्ञापन के माध्यम से लिपिक को हटाने के लिए मांग की जा रही है, परंतु इनके कान में जू भी नहीं रेंग रही है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, इंद्रजीत मिश्रा, आलोक अग्निहोत्री, सतीश देशमुख, अंकित चौरसिया, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डे, हेमन्त गौतम, आदित्य जायसवाल, प्रीतोष तारे, हिमारत मार्को, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, रामकृष्ण तिवारी, बलराम बाल्मीक, कमलेश कोरी, जीपी शुक्ला, सीएन शुक्ला, अमित गौतम, संदीप चौबे आदि ने क्लेमेंट मार्टिन अधीक्षक आयुक्त (राजस्व) को जबलपुर कमिश्नर के नाम का शिकायत पत्र/ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि भ्रष्ट लिपिक को शीघ्र आहरण संवितरण जैसे जिम्मेदार पद से अलग किया जाये।