सांसो से बंधे
मोह के धागे
दिल -धड़कन
तुम्हें अपना जाने
दो किनारे
दिल से हारे
ख़ामोश-नज़र
एक-दूजे को पहचाने
सादगी में दिखे
अहसास तुम्हारे
ख्याल-ख्वाहिश
दिल पे हक़ जताने
दिखती मंज़िले
बेसब्र राहे पुकारे
सूफ़ियाना-इश्क़
रब की इबादत माने
दिल की गिरह
कभी उलझे धागे
सुलझ-समझ फिर
साथ वफ़ा निभाने
वक़्त की आन
नसीब को मनाने
बेपनाह-इंतज़ार
हक़ीक़त में लाने
रूह में इश्क
इश्क़ से मिलाने
नंदिता- के तुम
हां रूह में समाने