झरोखे पर अब वो चाँद आता नहीं
न जाने क्यों अब वो मुस्काता नहीं
छुपा के ग़म झूठलाता है सब को,
हकीकत क्या कुछ भी गाता नहीं
खुले जब आँखें वो होता है सामने,
सुकून से उस बिन अब रह पाता नहीं
उसे देख झोंका मानो रुक सा गया,
कहाँ है वो जुल्फें अब फैलाता नहीं
किनारा भी देख कर हैरानी कर रहा,
मुझे क्यों अपने दिल में लाता नहीं
चलो जाने क्या बातें है ‘मुसाफिर’
मिरी चाँद क्यों खिड़की पे आता नहीं
-रोहताश वर्मा ‘मुसाफिर’
07 धानक बस्ती, खरसण्डी, नोहर
जिला- हनुमानगढ़ (राजस्थान-335523)
मोबाइल नम्बर- 9784055613