भारत को वित्त वर्ष 2020 के लिए वैश्विक आपदा न्यूनीकरण और स्थिति बहाली समूह (जीएफडीआरआर) का सर्वसम्मति से सह-अध्यक्ष चुना गया है। ये फैसला जीएफडीआरआर के सलाहकार समूह की स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुई बैठक में लिया गया। अफ्रीकी कैरिबियाई और प्रशांत समूह के देशों, यूरोपीय संघ और विश्व बैंक ने सलाहकार समूह बैठक की सह-अध्यक्षता की।
जीएफडीआरआर एक वैश्विक साझेदारी वाला संगठन है जो विकासशील देशों को प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद करता है। जीएफडीआरआर विश्व बैंक द्वारा प्रबंधित एक ऐसा संगठन है जो दुनिया भर में आपदा जोखिम प्रबंधन परियोजनाओं के लिए वित्तीय मदद देता है। यह वर्तमान में 400 से अधिक स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम कर रहा है और उन्हें ज्ञान, वित्त पोषण और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। भारत 2015 में जीएफडीआरआर के सलाहकार समूह का सदस्य बना और अक्टूबर 2018 में आयोजित समूह की अंतिम बैठक की सह-अध्यक्षता करने की इच्छा व्यक्त की थी। देश में आपदा जोखिम में कमी लाने में निरंतर प्रगति तथा इसके लिए अनुकूल अवसंरचना विकसित करने के लिए साझेदारी की पहल को ध्यान में रखते हुए सहअध्यक्षता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया गया। यह देश को आने वाले समय में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एजेंडा को आगे बढ़ाने की दिशा में सक्रिय योगदान के साथ जीएफडीआरआर के सदस्य देशों और उसके संगठनों के साथ काम करने का अवसर देगा। यह पहली बार है जब देश को जीएफडीआरआर की सलाहकार समूह बैठक की सह-अध्यक्षता का अवसर दिया गया है। भारत जीएफडीआरआर के लक्ष्यों और उद्देश्यों पर केंद्रित एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहता है और उसके कार्यकलापों के साथ तालमेल विकसित करना चाहता है। आपदा से निपटने में सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास जीएफडीआरआर के भागीदार देशों और हितधारकों के साथ भारत के जुड़ाव का मुख्य विषय होगा। जीएफडीआरआर के सलाहकार समूह की बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य कमल किशोर और आपदा प्रबंधन (डीएम) में संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल भी उपस्थित थे।