मुझे नहीं पता कि प्यार क्या होता है
पर जब साथ होते हो नई सी हो जाती हूँ मैं
भूल कर हर छोटी बड़ी तकलीफ
बस तुम में खो जाती हूँ मैं
जब देखती हूँ कि तुम भी मुझे देख रहे हो
आँखों से ही मुस्कुरा जाती हूँ मैं
पता नहीं क्यों छुपाते हो तुम
कि तुमको भी प्यार है मुझसे
बस एक बार आँखों से नही,
होंठो से सुनना चाहती हूँ मैं
मुझे पता नहीं कैसे पता है?
तुम्हारे भीतर थोड़ी सी पाई जाती हूँ मैं
हाँ जब साथ होते हो तुम नई हो जाती हूँ मैं
-शिवानी विनय सिंह