राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) के लिए 5 वर्षों में 1 लाख करोड़ रूपये की राशि रखी गई है। जिसमें प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान सकल घरेलू बजट के तहत एवं 5000 करोड़ रुपये रेलवे अपने आंतरिक संसाधनों से से जुटाएगी।
वित्त मंत्री ने अपने 2017-18 के बजटीय भाषण में नवीनीकरण, प्रतिस्थापन, महत्वपूर्ण सुरक्षा संपत्तियों में सुधार संबंधित कार्यों के लिए राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) के शुरुआत की घोषणा की थी। इसके लिए 5 वर्षों में 1 लाख करोड़ रूपये की राशि रखी गई है। बजट में 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान सकल घरेलू बजट के तहत एवं 5000 करोड़ रुपये रेलवे अपने आंतरिक संसाधनों से से जुटाएगी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में, 20,000 करोड़ रुपये के व्यय में से, आरआरएसके से 16,091 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी इसके लिए 20,000 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान किया गया है और जून महीने तक 3326 करोड़ रूपये व्यय हो चुका है।
राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) के तहत राशि का उपयोग ट्रैकों के नवीनीकरण, पुलों के विर्माण, सिग्नलिंग और दूरसंचार कार्य, लेवल क्रॉसिंग पर सड़क सुरक्षा कार्यों और सड़क ओवर व अंडर पुलों, रोलिंग स्टॉक, यातायात सुविधाएं, विद्युत कार्य, मशीनरी और संयंत्र, कार्यशालाएं, यात्री सुविधओं और प्रशिक्षण व एचआरडी के लिए किया जा रहा है। यह जानकारी रेलवे राज्य मंत्री राजन गोहेन ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।