11 मार्च 1982 को स्वर्गीय अर्जुन लाल मीणा जेलर व माता प्रेम बाई के यहाँ जन्मे पवन मीणा महावीर नगर थाना कोटा के सर्किल इंस्पेक्टर है। पुलिस विभाग में इनका कार्य 2 जनवरी 2010 से प्रारम्भ हुआ जो पूर्ण निष्ठा से वर्तमान में जारी है। इससे पहले इन्होंने दीगोद को ऑपरेटिव बैंक में क्लर्क पद पर कार्य किया था। इन्होंने दो साल तक बीएसएफ में पश्चिम बंगाल में भी प्रशिक्षण भी लिया था। पुलिस विभाग में सर्वप्रथम सब इंस्पेक्टर के रूप में अपना कार्य भार संभाला था।
कोविड-19 के काल में जैसे ही सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया तो इनके द्वारा गरीब व्यक्तियों की सहायता कार्य किया गया। इनकी और इनके साथ पूरे स्टाफ की सहायता से पूरे कोटा जिले में सबसे पहले महावीर नगर थाना में गरीब व्यक्तियों के लिये खाना बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया। पूरे स्टाफ की सहायता से शुरुआत में भोजन बनाया गया। सबने मिलकर तन मन धन से सहायता की शुरुआत में 200-300 व्यक्तियों का भोजन बनाया जाता था।
जैसे जैसे काम बढ़ता गया कारवां भी जुड़ता गया और जन सहयोग अपने साथी कर्मचारियों की सहायता से इन्होंने चेतक स्पेशल व थाने की गाड़ियों के द्वारा भोजन व सूखा राशन, दूध,मास्क आदि बंटवाये गये। इनके द्वारा किये गये कार्य को देखकर अन्य थानों में भी भोजन बनाकर बंटवाने का कार्य शुरू किये गये। धीरे-धीरे 500-600 व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था होने लगी। जन सहयोग भी बढ़ने लगा लोग आवश्यकता के अनुसार सूखा राशन दे जाते।
सामग्री वितरण के साथ ही ये बीमारी के बारे में लोगो को जागरूक भी करते।सफाई का ध्यान रखने व दूरी बनाकर रहने को कहते। इनका कहना है कि ऐसे समय मे भी जो लोग नहीं मानते उनके खिलाफ कार्यवाही करने से भी नही चूकते। अनावश्यक रोड पर घूमने वाले मनचलों को सबक सिखाते। बिना मास्क लगाकर घूमने वाले व्यक्तियों को समझाते जो नही मानते उनके खिलाफ चालान काटा जाता।
इनका तो मानना है कि जिंदगी में पहली बार ऐसा देखा कि थाने में कई दिनों तक कोई फरियादी अपनी रिपोर्ट लेकर नही आये।लूटपाट, लड़ाई-झगड़े अन्य किसी भी प्रकार का कोई केस दर्ज करवाने नही आये।
इनके किये गये कार्यो से जन समुदाय बहुत खुश था। इससे प्रसन्न होकर लोगों ने फूलों की माला पहनाकर और फूलों की बारिश करके इनका स्वागत किया।खाली समय में इनको क्रिकेट खेलने का बहुत शौक है।कभी कभी यह क्रिकेट खेलने भी चले जाते है। यह दो बच्चों के पिता है।
प्रस्तुति: गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान