Thursday, April 24, 2025
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MPEBTKS की बैठक में छलका बिजली कर्मचारियों का दर्द, प्रबंधन कर रहा आर्थिक एवं मानसिक शोषण

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ की क्षेत्रीय बैठक प्रांताध्यक्ष शंभूनाथ सिंह जी की अध्यक्षता में पोलो ग्राउंड स्थित संघ कार्यालय में संपन्न हुई जिसमें, पदाधिकारियों द्वारा कर्मचारी मुद्दों पर संघ के किए गए प्रयासों से जमीनी कार्यकर्ताओं को अवगत कराया गया एवं संघ के गंभीर संगठनात्मक विषयों पर चर्चा करते हुए अधिवेशन हेतु प्रस्तावित दिनांक 13 अप्रैल की तैयारी की समीक्षा की जिस पर सभी के द्वारा 13 अप्रैल की बजाय 11 मई 2025 को अधिवेशन आयोजित करने पर सर्वसम्मति से सहमति बनी।

चर्चा के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह के समक्ष संविदा तकनीकी कर्मचारियों का दर्द छलक पड़ा, संविदा कर्मियों का कहना है कि वर्तमान में संविदा कर्मचारियों के प्रति पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन का रवैया बेहद उदासीन एवं समझ से परे है, एक तरफ जहां ऊर्जा मंत्री समस्त कंपनियों में एक समान नीतियां लागू कराने की बात करते हैं तो दूसरी ओर बिजली कंपनी प्रबंधन संविदा/नियमित तृतीय, चतुर्थ श्रेणी परीक्षण सहायक, लाइन अटेंडेंट तकनीकी कर्मचारियों के वेतन, अनुकंपा नियुक्ति एवं एनपीएस कटौती सहित एडिशनल वेजेस एवं अन्य समस्त मुद्दों पर अपने-अपने स्तर पर कंपनियों द्वारा जारी पॉलिसी/आदेशों की मनमानी व्याख्या करते हुए तकनीकी कर्मचारियों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण कर रहे हैं। 

तकनीकी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार द्विवेदी सहित प्रांतीय सचिव असलम खान द्वय ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त कर कंपनी प्रबंधन की वर्तमान कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि संघ द्वारा बार-बार पत्रों के माध्यम से अवगत कराने के बावजूद भी ऊर्जा विभाग के सभी कंपनी प्रबंधन तकनीकी कर्मचारियों के मुद्दों पर पूरी तरह उदासीन हैं तथा कंपनियों का पूरा स्थापना तंत्र ध्वस्त हो चुका है। आज कंपनी प्रबंधनों द्वारा तकनीकी कर्मचारियों के मामलों में ऊर्जा विभाग के आदेश/नियमों सहित श्रम कानूनों को खूंटी पर टांग दिया गया है एवं कंपनियों द्वारा जारी आदेशों को भी स्थानीय प्रबंधन के जिम्मेदार लागू करा पाने में पूरी तरफ फेल रहे हैं।

उन्होंने संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मामलों में जमीनी स्तर पर अलग-अलग व्याख्या एवं किए जा रहे आर्थिक नुकसान की खुलकर मुखालफ़त की, उन्होंने आगे कहा कि चाहे संविदा पॉलिसी के नियमानुसार हूबहू कर्मचारियों को लाभ देने की बात हो, संविदा कर्मियों हेतु पॉलिसी के मुताबिक अनुकंपा नियुक्ति, एनपीएस कटौती के आदेश, संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के 1 साल से बकाया एरियर भुगतान, कर्मचारियों एवं सुरक्षा संसाधनों की कमी, तकनीकी वर्गों में वेतन एवं श्रेणी विसंगति, वरिष्ठ लाइनमैनों के चतुर्थ वेतनमान आदेश जारी करने, करंट चार्ज देने, एक ही वर्ग में वेतन एवं सेवानिवृत्ति आयु के संबंध में असमान सेवा शर्तों की बात हो, सभी मुद्दों पर कंपनी प्रबंधनों ने खुलेआम तकनीकी कर्मचारियों को अपमानित करके आग में घी डालने का काम शुरू कर दिया है, जिसमें जमीनी स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों एवं मानव संसाधन प्रबंधकों की भूमिका भी संदेश के घेरे में है। तकनीकी कर्मचारियों के बढ़ते आक्रोश पर सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने जल्द ही कंपनी के एमडी से बैठक कर मामलों के उचित निराकरण का प्रयास करने का आश्वासन दिया एवं कर्मचारियों से जमीनी स्तर पर संघ को मजबूत करने की भी अपील की।

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष शंभू नाथ सिंह, प्रांतीय सचिव असलम खान, राम केवल यादव, रतिपाल यादव, दिनेश पाल “काका” सहित धर्मेंद्र मालवीया, जाहिद हुसैन, मोहन सिंह सिसोदिया, उमेश शुक्ला, अमोल गुर्जर, अंकुश पांडेय, राजेंद्र पाटील, दिलीप दाढ़े, अमित पिपरदे, राजू वड़ुदकर, सुनील विश्वकर्मा, शम्मी देशमुख, धीरज गढ़वाल सहित अन्य कर्मचारी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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