गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का लंबी बीमारी के बाद असज रविवार 17 मार्च को निधन हो गया। मनोहर पर्रिकर एक साल से ज्यादा समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे, गोवा की राजधानी पणजी में उनके घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। उनकी बीमारी के साथ ही गोवा में भारी राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है। कांग्रेस ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया हुआ है। उनकी बीमारी का बहाना बनाकर कांग्रेस की ओर से कई बार आरोप भी लगाए गए। इसके बाद पिछले दिनों उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ था और वे कुछ जगह सार्वजनिक रूप से भी दिखाई भी दिए थे। हालांकि नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर बीजेपी ने पर्रिकर पर भरोसा जताया और तमाम दबाव के बावजूद उन्हें सीएम पद से नहीं हटाया गया।
केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर पर्रिकर 2014 से 2017 तक देश के रक्षा मंत्री रहे। पर्रिकर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद थे। पर्रिकर पहली बार वर्ष 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने। हालांकि पहली बार उनके मुख्यमंत्री का कार्यकाल फरवरी 2002 तक का रहा। इसके बाद जून 2002 में वह एक बार फिर से चुने गए और मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। 2007 के विधानसभा चुनावों में पर्रिकर को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा लेकिन पांच साल बाद 2012 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने वापसी की और सरकार बनाई।
Parrikar ji has shown the entire nation how a BJP Karyakarta, even during his toughest time, is committed to the philosophy of Nation First, Party Next and Self Last.
He will always be remembered for his contributions as India’s Defence Minister and as CM of Goa. pic.twitter.com/jiKNGoOZrj
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) March 17, 2019