खेल मंत्रालय ने छह केंद्रों को खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मंजूरी दे दी है। इन केंद्रों को 67.32 करोड़ रुपये के समेकित बजट अनुमान के साथ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए और बाद में ओलंपिक स्तर की प्रतिभाओं की पहचान करने के प्रयास में अगले चार वर्ष के लिए उन्नत किया जाएगा।
खेल मंत्रालय द्वारा असम की राज्य खेल अकादमी, सरजूसाई को 7.96 करोड़ रुपये, मेघालय के जवाहरलाल नेहरू खेल परिसर, शिलांग को 8.39 करोड़ रुपये, दमन और दीव के न्यू स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, सिलवासा को 8.05 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश की मध्य प्रदेश राज्य अकादमी को 19 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र कर श्री शिव छत्रपति खेल परिसर बालेवाड़ी, पुणे को 16 करोड़ रुपये तथा सिक्किम के पलजोर स्टेडियम गंगटोक को 7.91 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
इस पहल के बारे में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश भर में खेल उत्कृष्टता केंद्र बनाना भारत को ओलंपिक 2028 में शीर्ष 10 देशों में शामिल करने के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक कदम है। जब तक हम विश्व स्तरीय विशेष प्रशिक्षण प्रदान नहीं कर सकते, हम एथलीटों से ओलम्पिक खेलो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की उम्मीद नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में प्रत्येक में एक विशिष्ट खेल में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा और वह केंद्र देश में उस विशिष्ट खेल का प्रमुख केंद्र बन जाएगा, जहां उस खेल के विशिष्ट एथलीट प्रशिक्षण देंगे। मुझे खुशी है कि प्रत्येक राज्य ने इस तरह के केंद्र बनाने की इस पहल का सकारात्मकता और उत्साह के साथ समर्थन किया है।
उत्कृष्टता केंद्रों का समर्थन, बुनियादी ढांचे का उन्नयन, खेल विज्ञान केंद्रों की स्थापना और फिजियोथेरेपिस्ट, शक्ति और कंडीशनिंग विशेषज्ञों जैसे गुणवत्ता प्राप्त प्रशिक्षकों और खेल विज्ञान मानव संसाधनों के रूप में उपलब्ध होगा।
खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण भी प्रदान किए जाएंगे। अकादमी में खेल विज्ञान सहयोग और प्रदर्शन प्रबंधन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उच्च प्रदर्शन वाले प्रबंधक की नियुक्ति का भी प्रावधान होगा।