प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने उदय योजना के तहत पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड को बिजली वितरण कंपनियों को पिछले वर्ष अर्जित राजस्व के 25 प्रतिशत की निर्धारित सीमा से अधिक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिए एकबारगी छूट की स्वीकृति दी।
इससे बिजली क्षेत्र के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सकेगी और राज्य सरकारों द्वारा बिजली पारेषण कंपनियों का बकाया चुकाया जाना सुनिश्चित हो सकेगा।
देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से बिजली क्षेत्र में पूंजी का बड़ा संकट पैदा हो चुका है। उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिलों का भुगतान करने में असमर्थ रहने और दूसरी ओर आवश्यक सेवाओं के रूप में बिजली आपूर्ति जारी रखने की बाध्यता के कारण बिजली वितरण कंपनियों का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इस बीच बिजली की खपत में भी काफी गिरावट आई है। गतिविधियों और बिजली की मांग सुधरने में कुछ और वक्त लगने को देखते हुए आने वाले कुछ और दिनों तक बिजली क्षेत्र का संकट खत्म होता नहीं दिखता। ऐसे में बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के वास्ते इस क्षेत्र के लिए तत्काल पूंजी उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है।