कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही जनवरी-मार्च में भारत की जीडीपी की दर घटकर 3.1 प्रतिशत पर रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही संपूर्ण वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही, जो पिछले 11 साल का निम्नतम स्तर है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को बताया कि 2019-20 की चौथी तिमाही में स्थिर कीमत (2011-12) पर जीडीपी के 38.04 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो 2018-19 की चौथी तिमाही में 36.90 लाख करोड़ रुपए थी। इस तरह इसमें 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई पड़ती है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश का राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.59 प्रतिशत हो गया है, जो संशोधित अनुमान 3.8 प्रतिशत की तुलना में बहुत अधिक है।
मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।
कोरोना वायरस पर काबू के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। लेकिन जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने इस साल जनवरी फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।