सरकार द्वारा देशभर में एनएफएसए को लागू करने की तैयारी के दौरान सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को आधुनिक बनाने और इसके परिचालन में पारदर्शिता तथा कुशलता लाने, राशन कार्डों और लाभार्थियों के डाटाबेस का डिजिटाइजेशन करने का कार्य किया जा रहा है।
इसके अलावा राशन कार्ड को आधार से जोड़ने, अपात्र अथवा फर्जी राशन कार्डों की पहचान करने, डिजिटाइज किये गए डाटा के दोहराव को रोकने तथा लाभार्थियों के अन्यत्र चले जाने या मौत हो जाने के मामलों की पहचान कर डाटा तैयार किया गया है।
जिसके आधार पर देश के राज्यों एवं 7 केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने 2013 से 2020 तक की अवधि में देश में कुल करीब 4.39 करोड़ अपात्र अथवा फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया गया है।
इसके अलावा एनएफएसए कवरेज का जारी किया गया संबंधित कोटा, संबंधित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियमित रूप से एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की सही पहचान के लिए उपयोग किया जा रहा है।
इसके तहत पात्र लाभार्थी परिवारों को शामिल करने और उन्हें नए राशन कार्ड जारी करने का काम जारी है। यह कार्य अधिनियम के तहत प्रत्येक राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश के लिए परिभाषित कवरेज की संबंधित सीमा के भीतर किया जा रहा है।