प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में बिजली वितरण कारोबार के निजीकरण के लिए कंपनी के गठन, उच्चतम बोली लगाने वाले को नवगठित कंपनी के इक्विटी शेयर की बिक्री एवं कर्मचारियों की देनदारियों को पूरा करने के लिए ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दे दी है।
उक्त निजीकरण प्रक्रिया, डीएनएच एंड डीडी के 1.45 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाओं तथा वितरण में परिचालन सुधार और कार्य-कुशलता से सम्बंधित वांछित परिणामों को पूरा करेगी तथा देश भर में अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों के अनुकरण के लिए एक मॉडल प्रदान करेगी। इससे प्रतिस्पर्धा में और वृद्धि होगी, बिजली उद्योग को मजबूती मिलेगी एवं बकाया धनराशि की वसूली में भी मदद मिलेगी।
मई 2020 में, भारत सरकार ने संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की घोषणा की थी। सुधार के प्रमुख उपायों में एक थी- बिजली वितरण सेवा प्रदाता कंपनियों के निजीकरण के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति में सुधार करना, ताकि बिजली वितरण में निजी क्षेत्र की दक्षता का लाभ उठाया जा सके।
एक एकल वितरण कंपनी यानी डीएनएच-डीडी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड को पूर्ण स्वामित्व वाली सरकारी कंपनी के रूप में निगमित किया जाएगा और नवगठित कंपनी में स्थानांतरित कर्मियों के सेवा-लाभों के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट (ट्रस्टों) का गठन किया जाएगा। दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव विद्युत (पुनर्गठन एवं सुधार) स्थानान्तरण योजना, 2020 के अनुसार नवगठित कम्पनी में सम्पत्तियों, दायित्वों, कार्मिकों आदि का स्थानान्तरण किया जायेगा।