चौखटें- नंदिता राजश्री

चौखटें उखाड़ दी गईं हैं, दरवाज़ों से
उखड़े फर्श के बाकी निशान बदरंग से
जल्दी ही सिमट जाएंगे, ठंडे चिकने पत्थरों में
आजकल घरों में चौखटें नहीं हुआ करतीं
आउटडेटेड हो गया इनका चलन
बेवजह ही, गिरो तो चोट लगा देती थीं
अब फिसलो तो नहीं अड़ेंगी पैरों में
अच्छा ही हुआ जो दरवाज़ों से उठ गया
इन गैरज़रूरी टुकड़ों का चलन

– नंदिता राजश्री