हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिये हैं- प्रधानमंत्री मोदी

न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें सत्र को संबोधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह मेरे लिए गौरव का विषय है, क्योंकि इस वर्ष पूरा विश्व महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया है, इस जनादेश की वजह से ही आज फिर मैं यहां हूं उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आतंकवाद का जिक्र करते हुए इसे विश्व के लिए एक चुनौती बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर आज मैंने पढ़ा, नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक। मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है जिसके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है। इसलिए मानवता की खातिर, आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना और एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूएन पीसकीपिंग मिशन में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है। हमारे प्रयास से 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर हो रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए रहे हैं। वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं। प्रयास हमारे हैं, परिणाम सभी लिए हैं। सारे संसार के लिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले पांच साल में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम के जरिए 15 करोड़ लोगों को पेयजल कनेक्शन देने जा रहे हैं। हम गरीबों के लिए 2 करोड़ नए घरों का निर्माण करने वाले हैं। हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। एक विकासशील देश जब दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाता है, सिर्फ पांच साल में 37 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खोलता है तो उसके साथ बनी व्यवस्थाएं पूरी दुनिया में विश्वास पैदा करती हैं।