DoPT ने दी लगभग 1,600 सहायक अनुभाग अधिकारियों की पदोन्नति को स्वीकृति

केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने तत्काल प्रभाव से तदर्थ आधार पर सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) के पद पर कार्यरत 1,592 अधिकारियों को अनुभाग अधिकारी के पद पर बड़े पैमाने पर पदोन्नति दिए जाने को स्वीकृति दे दी है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पदोन्नति के आदेश शीघ्र ही संबंधित कैडर नियंत्रण अधिकारियों द्वारा जारी किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के निर्देश पर पदोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाई गई, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “सरकार कर्मचारियों को प्रेरित करने और लंबे समय तक ठहराव की समस्या को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर पदोन्नति दे रही है। सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) और अन्य ग्रेडों में अन्य 2,000 पदोन्नतियां प्रक्रिया में हैं और आशा है कि इस वर्ष  के अंत तक उन्हें पदोन्नत कर दिया जाएगा”।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, सरकार ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में लंबित अदालती मामलों, उच्च ग्रेड में रिक्तियों की कमी और अन्य कार्मिक मुद्दों के कारण लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के मुद्दों की समय- समय पर समीक्षा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, पिछले वर्ष भी बड़े पैमाने पर लगभग 9,000 पदोन्नतियां की गईं और उससे पहले पिछले तीन वर्षों में डीओपीटी ने 4,000 पदोन्नतियां दी थीं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह स्वयं भी व्यक्तिगत रूप से ऐसे मामलों को देखकर व्यथित होते हैं, जहां प्रशासन के सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले कुछ कर्मचारी एक भी पदोन्नति प्राप्त किए बिना 30 से 35 साल की अपनी पूरी सेवा अवधि बिता देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और प्रशासन के मध्य और निचले स्तर पर ठहराव (गतिरोध) से बचने के लिए कई नवीन साधन विकसित किए गए हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि बड़ी संख्या में मामलों में, पदोन्नति में रुकावट आना कर्मचारियों के बीच मुकदमेबाजी का परिणाम थी और भले ही डीओपीटी न्यायालय में इस विषय पर अपना दृष्टिकोण रखने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन इस स्थिति में देरी अपरिहार्य हो जाती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “प्रधानमन्त्री मोदी जी ने यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं कि सरकारी नौकरियां यथा-संभव उपलब्ध हों और यह बेहद दर्दनाक और निराशाजनक है कि कभी-कभी कर्मचारियों को उसी ग्रेड में सेवानिवृत्त होते देखा जाता है, क्योंकि पदोन्नति अटकी रह जाती है“।

केंद्रीय सचिवालय सेवा से जुड़े इन कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति के यह आदेश पिछले कुछ महीनों में डॉ जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में कई दौर की उच्च स्तरीय बैठकों के बाद जारी किए गए हैं। मंत्री महोदय ने कहा, यहां तक ​​कि कानूनी विशेषज्ञों से भी इस मामले में सलाह ली गई क्योंकि कुछ आदेश लंबित रिट याचिकाओं के नतीजे के अधीन हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, शासन में सुगमता के साथ-साथ पैनल में निष्पक्षता लाने के लिए, सरकार ने पिछले नौ वर्षों में प्रक्रियाओं में सुधार किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पदोन्नति. के कार्यान्वयन में किसी प्रकार की व्यक्तिपरक प्राथमिकताएं शामिल न हों। उन्होंने आगे कहा कि “मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए परिष्कृत प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करके प्रक्रियाओं को और अधिक हाईटेक बनाया गया है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने 1,600 से अधिक नियमों को हटा दिया है जो या तो अप्रचलित थे या समय के साथ अप्रासंगिक हो गए थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि “यह सारी कवायद न केवल जनता के लिए परिणामों की प्रभावी और समय पर सेवा सुनिश्चित करने के लिए है, वरन कर्मचारियों द्वारा उनकी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने के लिए भी है।”