Delhi Air Quality (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया है और आज शनिवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 85 दर्ज किया गया। यह इस साल 1 जनवरी से 15 मार्च की अवधि के लिए पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है।
इसी के साथ आज शनिवार का दिन चालू वर्ष का पहला दिन भी है, जिसमें एक्यूआई ‘संतोषजनक’ (51-100) रहा है। दिल्ली में मार्च के महीने में एक्यूआई ‘संतोषजनक’ रहा, जो 2020 के बाद से पांच साल में पहली बार हुआ है।
आज शनिवार को स्थिति की समीक्षा के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उपसमिति ने संपूर्ण एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) की मौजूदा अनुसूची के चरण-I की पाबंदियों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया है।
शनिवार को सीएक्यूएम ने बताया कि मौजूदा मौसम के पूर्वानुमान और हवा की स्थिति को देखते हुए उपसमिति ने ग्रैप की पाबंदियों को हटाने का फैसला लिया है। इसके तहत राजधानी में अब निर्माण और विध्वंस गतिविधियां चालू हो सकेंगी। इसी के साथ सड़कों पर यांत्रिक स्वीपिंग के साथ मैन्युअल स्वीपिंग की जा सकेगी। ग्रैप एक की पाबंदियों के तहत शहर में एंटी-स्मॉग गन्स का प्रयोग बढ़ाना और सड़क निर्माण गतिविधियों में धूल नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करना,
बायोमास और नगरपालिका ठोस अपष्ट के खुले जलाने पर कड़ी निगरानी रखना,
भारी ट्रैफिक वाले स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करना,
वाहनों के लिए पीयूसी मानकों की सख्ती से निगरानी करना,
जन जागरुकता के लिए मोबाइल ऐप्स और सोशल मीडिया का उपयोग करना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण के बढ़ने के बाद उसे कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप की पाबंदियां लागू की जाती है। ग्रैप के पहले चरण की पाबंदियां तब लागू की जाती है जब शहर का एक्यूआई 201 से 300 तक रहता है। दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 होने पर लगाया जाता है। फिर तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 तक रहता है। एक्यूआई 450 से ज्यादा हो गया तो ग्रैप-4 लागू हो जाता है। इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध होते हैं।