Saturday, April 26, 2025
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी, पहली बार 3,230 डॉलर के स्तर को किया पार

नई दिल्ली (हि.स.)। घरेलू बाजार में तूफानी तेजी के साथ ही सोना ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज एक बार फिर ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड कायम किया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उतार-चढ़ाव के कारण सोने के भाव में तेजी लगातार जारी है, जिसकी वजह से आज ये चमकीली धातु 3,200 डॉलर प्रति औंस के स्तर को भी पार कर गई। इंट्रा-डे में सोना 3,234.49 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गया। सोना इसके पहले कभी भी इस ऊंचाई तक नहीं पहुंचा है।

यूएस गोल्ड फ्यूचर्स में भी आज तेजी का माहौल बना हुआ है। गोल्ड फ्यूचर्स में सोना 1.9 प्रतिशत की मजबूती के साथ 3,236 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंचा हुआ है। दूसरी ओर भारत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में भी सोने ने आज तेजी का नया रिकॉर्ड क्राइम कर दिया। एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स 1,567 रुपये यानी 1.70 प्रतिशत की उछाल के साथ 93,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच गया।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर जो सख्त रुख अपनाया है, उसकी वजह से चीन और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। दुनिया की दो आर्थिक महाशक्तियों के बीच ट्रेड वॉर की आशंका के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। इसी वजह से निवेशक सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में सोने में जमकर खरीदारी कर रहे हैं, जिससे उसकी मांग में तेजी आ गई है।

कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि सोने के भाव में आने वाले दिनों में भी तेजी जारी रह सकती है। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर के भाव में आई कमजोरी भी है। डॉलर की कमजोरी इस बात का संकेत है कि अमेरिकी एसेट्स से पैसे की निकासी हो रही है और उसका दूसरे एसेट्स में निवेश हो रहा है। इसके साथ ही अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी को लेकर जिस तरह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने फैसलों में बदलाव कर रहे हैं, उसकी वजह से भी अनिश्चितता की स्थिति बढ़ती जा रही है। इसके कारण स्टॉक और बॉन्ड्स में लगातार बिकवाली हो रही है। इसका एक परिणाम डॉलर इंडेक्स की कमजोरी के रूप में भी देखा जा सकता है। राजीव दत्ता के अनुसार डॉलर के भाव में कमजोरी आने पर किसी दूसरी मजबूत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में सोने की खरीदारी करना तुलनात्मक तौर पर सस्ता पड़ता है। इस वजह से भी जब डॉलर की कीमत घटती है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की डिमांड में तेजी आ जाती है, जिसका असर सोने की कीमत में बढ़ोतरी के रूप में नजर आता है।

फाइनेंशियल एनालिसिस करने वाली कंपनी यूएस बॉन्ड्स एंड कमोडिटी वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उतार-चढ़ाव के कारण सोना आने वाले दिनों में करीब 10 प्रतिशत तक उछल सकता है। कंपनी ने अगले 3 महीने में सोने के लिए अगला टारगेट 3,500 डॉलर प्रति औंस का दिया है।

इस रिपोर्ट के अगले हिस्से में यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत पर अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी के अलावा केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी, अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जारी भू-राजनीतिक अस्थिरता का असर भी पड़ रहा है। इसकी वजह से दुनिया भर में गोल्ड ईटीएफ (इक्विटी ट्रेडेड फंड) में भी निवेश लगातार बढ़ रहा है। हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनाव को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया, तो सोने के भाव में प्रति औंस 100 डॉलर तक की गिरावट भी आ सकती है।

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