एमपी के सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराया खतरा, जाने क्या है मामला

MP government employees

मध्य प्रदेश के सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं प्रदेश सरकार ने सैकड़ों पद समाप्त करने का भी निर्णय ले लिया है। प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर एवं रीवा स्थित शासकीय मुद्रणालय बंद किये जायेंगे और प्रदेश सरकार ने इन मुद्रणालयों को बंद करने की स्वीकृति का आदेश भी जारी कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय के साथ ही इन मुद्रणालयों के 1286 पदों में से 495 रिक्त पदों को समाप्त किया जायेगा।

इसके अलावा मुद्रणालयों में भरे हुए 67 पदों पर कार्यरत शासकीय सेवकों को राजस्व विभाग के अंतर्गत अन्य कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा। इसके बाद उपरोक्त 67 पदों सहित कुल 118 पदों को मिलाकर कुल 185 पदों को सांख्येत्तर किया गया है।

आदेश के अनुसार मुद्रणालयों के वर्तमान 114 श्रेणी के पदों को 13 श्रेणियों, जिनमें 8 तकनीकी एवं 5 गैर तकनीकी श्रेणी में किया गया है। भविष्य में केवल तकनीकी अमले की 7 श्रेणियों में ही रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी।

इसके साथ ही शासकीय परिसंपत्तियों (अचल संपत्तियों) को छोड़कर शासकीय सेवकों के संबंध में निर्णय लिए जाने के लिए संभागायुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की जायेगी।

मुद्रणालयों के कर्मचारियों की पद-स्थापना के संबंध में निर्णय लेने के लिए संभाग स्तरीय समिति में कलेक्टर, जिला पंजीयक, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण सहित नियंत्रक शासकीय मुद्रणालय द्वारा नामांकित अधिकतम 3 अधिकारी सदस्य होंगे। सदस्य सचिव के रूप में नियंत्रक प्रेस द्वारा नामांकित अधिकारी होगा।

मुद्रणालय की शासकीय चल संपत्ति संभागीय समिति की अनुशंसा के आधार पर अन्य शासकीय कार्यालयों में संभव होने की स्थिति में हस्तांतरित की जायेगी। शेष परिसंपत्तियाँ निविदा के माध्यम से विक्रय की जायेंगी। इसके अलावा मुद्रणालय परिसर की भूमि का स्वामित्व राजस्व विभाग के अधीन रहेगा।