Wednesday, October 16, 2024
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एमपी में रिटायर्ड जूनियर ऑडिटर के ठिकानाें पर लाेकायुक्त का छापा, 90 करोड़ की संपत्ति का खुलासा

लोकायुक्त पुलिस की टीम ने बुधवार तड़के भाेपाल के संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में रिटायर्ड जूनियर ऑडिटर रमेश हिंगोरानी के ठिकानों पर छापा मारा। लोकायुक्त को भ्रष्टाचार और आय से अधिक अर्जित करोड़ों रुपये रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। रमेश हिंगोरानी के बैरागढ़ स्थित बंगले, गांधीनगर स्थित लक्ष्मी देवी विकयोमल सर्राफ हायर सेकेंडरी स्कूल, किरण प्रेरणा स्कूल, मैरिज गार्डन समेत कुल 6 ठिकानों पर छापा मारा गया। अब तक की जांच में 90 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। फिलहाल लाेकायुक्त की कार्रवाई जारी है।

रमेश हिंगोरानी सतपुड़ा भवन स्थित शिक्षा सचिवालय के तकनीकी शिक्षा विभाग में जूनियर ऑडिटर पद से रिटायर हुए हैं। रमेश हिंगोरानी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकायुक्त को मिली थी। इसके बाद बुधवार सुबह करीब पांच बजे लाेकायुक्त की टीम ने बैरागढ़ में दबिश दी। लोकयुक्त की छह टीमों ने उनके निवास एवं गांधी नगर स्थित दो स्कूलों में जांच-पड़ताल शुरू की।

लोकायुक्त डीएसपी संजय शुक्ला ने बताया कि गांधीनगर के दो स्कूलों में भी कुछ दस्तावेज मिले हैं। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं। जेवरात का भी आकलन किया जा रहा है। लोकायुक्त की टीम को हिंगोरानी परिवार के बैरागढ़ स्थित लक्ष्मण नगर के बंगले पर क्रेटा और स्कॉर्पियो समेत 4 कार और 5 दोपहिया वाहन भी मिले। प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। लोकायुक्त पुलिस किसी को भी घर के अंदर प्रवेश नहीं करने दे रही है।

सरकारी जमीन को बेचने के लगे थे आरोप

रमेश हिंगोरानी, उनके बेटे योगेश और नीलेश पर भोपाल के गांधीनगर इलाके में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचने के भी आरोप लग चुके हैं। हिंगोरानी का एक मैरिज गार्डन भी दो साल पहले प्रशासन ने तोड़ा था। अधिकारियों ने कहा था कि ये सरकारी जमीन पर बना था। आरोप है कि रमेश हिंगोरानी और उनके बेटों ने सामाजिक संस्था लक्ष्मी देवी विकयोमल सर्राफ एजुकेशन सोसाइटी के तीन स्कूलों पर भी कब्जा जमा रखा है। लोकायुक्त को मिली शिकायत में इस बात का भी जिक्र है। शासकीय कर्मचारी को लाभ के पद पर रहने का अधिकार नहीं है, इसके बावजूद रमेश ने अपने दोनों बेटों को बगैर योग्यता के समिति के स्कूलों का संचालक बना रखा है। उन्हें वेतन के रूप में मोटी रकम दी जा रही है।

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