न जाने क्यों दिल कह रहा है
सनम तू धोखा खा रहा है
इश्क इबादत है खुदा की
तू यार को खुदा बना रहा है
छूट गई दुनिया तुझसे
तू फिर तन्हा हुए जा रहा है
रब मिलना आसान है जग में,
क्यों तू शुदाई हुए जा रहा है
ए सनम तू ही हौसला दे मुझे
कि मेरा ये जन्म तो तुझ पर
फिदा हुए जा रहा है
-प्रभजोत कौर