चेहरा तेरा
चन्द्रमुख सा, उर
हर्षित करे।।
रूप तुम्हारा
चंद्रमा की चाँदनी
शीतलता दे।।
बिंदिया तेरी
गुलाबी आकाश में
लाल चंद्रमा।।
आँखों में तेरे
चाँद-सितारे से हैं
झिलमिलाते।।
उड़ती जुल्फ़े
चाँद की रोशनी में
काली निशा-सी।।
रजनीपति
वो मेरी, मैं केवल
उसका पति।।
वो मेरे साथ
ऐसे चन्दा-चकोर
के साथ जैसे।।
सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश