मृदुल भाषिणी, सौंदर्यराषिनी
परम पुनीता, नित्य नव नीता
कृष्ण की प्यारी श्री राधे
रास विलासिनी, दिव्य सुहासिनी
नवल किशोरी, अति ही मोरी
वृष भानु की तनुजा श्री राधे
कंचन वर्णी, नित्य सुख करनी
कृष्ण आनंदिनी, आनंद कादिनी
कीर्ति की दुलारी श्री राधे
प्रेम मूर्ति, रस आपूर्ति
नवल ब्रजेश्वरी, नित्य रासेश्वरी
बरसाने की लाड़ली श्री राधे
कोमल अंगिनी, कृष्ण संगिनी
कृपा वर्षिणी, परम हर्षिणी
प्राण वल्लभा श्री राधे
परम हितकारी, कृष्ण सुखकारी
निकुंज स्वामिनी, नवल भामिनी
लक्ष्मी स्वरूपा श्री राधे
रास रासेश्वरी, स्वयं परमेश्वरी
सकल गुनिता, रसकिनीपुनीता
प्रेम पुजारिन श्री राधे
सुभग भामिनी, जगत स्वामिनी
सिंधु स्वरूपा, परम अनूपा
भक्त तारिणी श्री राधे
जय श्री कृष्ण राधे
राधा जी के 32 नामों को
आधार बनाकर लिखी गई हैं
गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान