गान स्वदेशी: संजय राव

नाम स्वदेशी काम स्वदेशी
अपना है अभिमान स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

हमें विकल्पों की दुनिया में
देशी चीजों को चुनना है
रंग बिरंगे छद्म आवरण
में हमको अब ना फंसना है
राष्ट्रप्रेम के पथ पर चलते
आज तजें हम माल विदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

देश की मुद्रा देश के बाहर
जाने से हम रोक सकें
गैर देश की शक्तिवृद्धि में
सहभागी हम बन न सकें
अपनी खेती अपने उद्यम
अपने ही हों लोग निवेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

शिल्पकार मेहनतकश अपने
कठिनाई हैं झेल रहे
हम जरा फैशन की खातिर
कठपुतली बन खेल रहे
धरा हमारी बहुत उर्वरा
श्रेष्ठ हमारे शिल्पमनीषी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

आज कोरोना की पीड़ा से
सारा त्रस्त जमाना है
देशी औषधियों की ताकत
जग ने अब पहचाना है
आज सभी ने किया है चालू
पीना काढ़ा शुद्ध स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

अर्थवाद की भेड़चाल में
मूकबधिर हो दौड़ चले
ना पहचाने छल छद्मों को
‘गैट संधि’ को मान चले
अर्थगुलामी के घेरे में
फंस गए हम तज मान स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

आज हमें अपनों की खातिर
फिर से ही जगना होगा
अपने श्रम संसाधन के दम
को फिर से ही लखना होगा
चलें निरंतर आगे बढ़ते
अलख जगाए तान स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

छोड़ चले माटी के दीये
सजा रहे चीनी झालर
कुम्भकार भूखे हैं सोते
बढ़ा रहे दुश्मन का घर
सीमा की लो देख दुर्दशा
अब तो जागो भारतवासी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

तिलक और गांधी के सपने
को फिर से जीना होगा
लाल लाजपत पंत ठेंगड़ी
के पथ पर चलना होगा
अर्थगुलामी की जंजीरें
तोड़ चलें हम राह स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

विविध देश में विविध क्षेत्र में
चमके हैं भारत के सितारे
मेधा की तो कमी नहीं है
लखें इन्हें हम बाँह पसारे
‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना
हो अब साकार स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

नाम स्वदेशी काम स्वदेशी
अपना है अभिमान स्वदेशी
नीर स्वदेशी क्षीर स्वदेशी
अपनायें हम गान स्वदेशी

संजय कुमार राव