अंजना वर्मा
ई-102, रोहन इच्छा अपार्टमेंट
भोगनहल्ली, विद्या मंदिर स्कूल के पास
बैंगलुरू- 560103
मेघ भला कब आ गए
चुपके-से आधी रात में
पाती लिख-लिखकर सब हारे,
मनमौजी ना आया
कब चंपा को खिला गया
सारा आँगन में महकाया
हवा खबरिया दे गई
चुपके-से आधी रात में
पात न बोले, रात न बोली,
ना बोली बिजुरिया
माधव सबको पिला रहा था
रस की भरी गगरिया
लाल चुनरिया भींग गई
चुपके-से आधी रात में
ना आँगन में खुसर- पुसर
ना बगिया में था शोर
देख ना पाया कोई कैसे
आए बनके चोर
भींगी मुस्कानें दे गए
चुपके-से आधी रात में
अंजना वर्मा