बिजली अधिकारी किस हद तक अमानवीय और असंवेदनशील हो सकते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कटनी जिले के स्लिमनाबाद स्थित 132 केवी सबस्टेशन में देखने को मिला।
जहां करंट से झुलसे एक कर्मी का इलाज कराने की बजाय सबस्टेशन पर मौजूद अधिकारी उसे तड़पता हुआ छोड़कर भाग खड़ा हुआ।
इस मामले में मध्य प्रदेश तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कटनी के स्लिमनाबाद के 132 केवी सबस्टेशन में एक अधिकारी की असंवेदनशीलता की घटना सामने आई है, जहां घायल व्यक्ति का इलाज कराने की बजाए जूनियर इंजीनियर उसे घायल अवस्था में छोड़कर भाग गया। हरेंद्र श्रीवास्तव ने ट्रांसमिशन कंपनी प्रबंधन से इस घटना की जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घायल रोहन गौतम पिता स्व जगदीश गौतम 24 वर्ष निवासी पड़रिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह कटनी के स्लीमनाबाद में 132 केवी सब स्टेशन में गॉर्ड की नौकरी करता है। घटना के समय जेई ने एमसीबी चालू करने का निर्देश दिया। इसके बाद जैसे ही उसने एमसीबी चालू की, तो वह शार्ट हो गयी, जिससे उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया। इसके बाद जब उसने इलाज कराने की बात कही तो उसके साथ मारपीट की और रास्ते मे छोड़कर फरार हो गए। घायल को फिर परिजनों के द्वारा जिला अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया।
वहीं अधिकारियों के द्वारा इस घटना को लेकर और दोषी बिजली अधिकारी को बचाने के लिए लीपापोती शुरू कर दी गई है। घायल रोहन गौतम खुद को सबस्टेशन का गार्ड बता रहा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सबस्टेशन में टाइल्स लगाने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान पानी खत्म हो गया था, जिसके बाद वहां काम कर रहे श्रमिक को पानी की मोटर की एमसीबी चालू करने के लिए कहा गया, इसी दौरान एमसीबी शार्ट हो गई और श्रमिक के चेहरे पर हल्की सी चिंगारी लग गई। वहीं हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि घायल व्यक्ति कोई भी हो, मानवता ये कहती है कि वहां मौजूद अधिकारियों को घायल व्यक्ति का इलाज कराना चाहिए था, क्योंकि उस समय वो बिजली कंपनी का कार्य कर रहा था।