मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में चिकित्सकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, पैरामेडीकल, नर्सिंग अधिकारियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं, परंतु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में केन्द्र ऐसे भी हैं जहां इंटरनेट का अभाव है, जहां से उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया स्वास्थ्य विभाग जो कि आपातकालीन सेवाओं की प्रदायगी सुनिश्चित करता है, ऐसे विभाग में कार्यरत चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ड्यूटी समय की अनिश्चितता एवं परिवर्तनशीलता एवं विस्तृत कार्यक्षेत्र होने के कारण इसे स्वास्थ्य विभाग में लागू नहीं किया जाये।
स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, अधिकारी एवं कर्मचारी ज्यादातर फील्ड क्षेत्र में सेवायें प्रदान करते हैं, जिससे उनकी प्रातःकालीन एवं सांयकालीन सेवाओं का स्थान एक समान नहीं रहता, जिससे एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज और एप से लागआउट होना संभव नहीं है। कुछ जिलों में एप में उपस्थिति दर्ज करने की जल्दबाजी में दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें कर्मचारियों एवं स्टाफ की मृत्यु भी हो चुकी है।
वहीं नर्सिंग आफीसर नाईट ड्यूटी करती हैं, जिससे एक दिन में लागईन होते हैं और दूसरे दिन तक ड्यूटी के कारण दूसरे दिन साफ्टवेयर में लागआउट की व्यवस्था नहीं है, जिससे असमंजस की स्थिति निर्मित हो रही है और नर्सिंग आफीसर तथा स्टाफ मानसिक रूप से परेशान हो रहा है।
पैरामेडीकल स्टाफ आपातकालीन सेवाओं के अंतर्गत आने के कारण 24 घंटे सेवाओं को देने के लिए बाध्य होना पड़ता है, जिससे इनकी कार्य अवधि निर्धारित नहीं रहती है अतः आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सकों, अधिकारियों, कर्मचारियों को फील्ड का भ्रमण करना होता है, जिससे स्टाफ को एप में घंटो उपस्थिति दर्ज करने में लगाना होगा, जिससे चिकित्सकों, अधिकारियों, कर्मचारियों को असमंजस की स्थिति में हैं कि मरीजों का उपचार कर सेवा दें या अपनी उपस्थिति एप में दर्ज करें?
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, अमित पटेल, रफी अहमद, राजेश चतुर्वेदी, अंकित चौरसिया, शैलेन्द्र दुबे, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, रवि सोनी, कमलेश पटेल, प्रीतोष तारे, आदित्य जायसवाल, कीर्तीमान सिंह, राजीव मिश्रा, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, हेमन्त गौतम, अमित गौतम, दिनेश वर्मा, रामकृष्ण तिवारी, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता आदि ने प्रमुख सचिव से मांग की है कि सार्थक एप को तकनीकी समस्या को देखते हुए तत्काल रोक लगाई जाये, अन्यथा संघ कर्मचारियों हित में ज्ञापन, धरना प्रदर्शन हेतु बाध्य होगा।