केंद्रीय संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) ने डब्ल्यूपीएएन एवं डब्ल्यूएलएएन कनेक्टिविटी प्रोविजनिंग व्यवसायों से जुड़ी हुई सभी संस्थाओं के लिए मशीन-टू-मशीन (M2M) और वायरलेस पर्सनल एरिया नेटवर्क (WPAN), वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLAN) पंजीकरण का विस्तार किया है।
एम2एम सेवा प्रावधान और डब्ल्यूपीएएन एवं डब्ल्यूएलएएन कनेक्टिविटी प्रोविजनिंग से जुड़ी हुई सभी व्यावसायिक संस्थाओं (कंपनियों, सरकारी विभागों व संगठनों, साझेदारी फर्मों, एलएलपी, संस्थानों, उपक्रमों, स्वामित्व फर्मों, सोसायटी और ट्रस्टों सहित) को सलाह दी जाती है कि वे सरल और पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा 31 मार्च 2024 तक सरल संचार पोर्टल https://saralsanchar.gov.in के माध्यम से डीओटी के साथ पंजीकरण कराएं।
केंद्रीय संचार मंत्रालय ने कहा है कि इसका अनुपालन न करने पर अधिकृत दूरसंचार लाइसेंसधारियों से प्राप्त दूरसंचार संसाधनों को वापस लिया जा सकता है या डिस्कनेक्शन किया जा सकता है।
यह निर्णय मानक-आधारित और सुरक्षित एम2एम व आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) पारिस्थितिकी तंत्र के प्रसार के लिए पंजीकरण के क्षेत्र को विस्तारित करने के लिए लिया गया है। यह दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP), केवाईसी, सुरक्षा, एन्क्रिप्शन आदि के साथ इंटरफेस से संबंधित एम2एम सेवाओं के लिए एम2एम सेवा प्रदाताओं और डब्ल्यूपीएएन एवं डब्ल्यूएलएएन कनेक्टिविटी प्रदाताओं की समस्याओं को भी संबोधित करता है।
दूरसंचार विभाग एक सुरक्षित और नवन्मेषी एम2एम व आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) परिदृश्य का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति का उद्देश्य एक मजबूत डिजिटल संचार बुनियादी ढांचा तैयार करना, आगामी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को सक्षम करना और एम2एम/एलओटी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग के लिए एक सर्वांगीण और सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है।
‘‘एम2एम कम्युनिकेशंस में स्पेक्ट्रम, रोमिंग और सेवा की गुणवत्ता (QOS) संबंधी आवश्यकताओं’’ पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की सिफारिशों और एम2एम उद्योग हितधारकों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों पर विमर्श करने के पश्चात् सरकार ने ‘एम2एम सेवा प्रदाताओं की पंजीकरण प्रक्रिया और एम2एम सेवाओं के लिए डब्ल्यूपीएएन/डब्ल्यूएलएएन कनेक्टिविटी प्रदाताओं की पंजीकरण प्रक्रिया’ के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया है।