मध्य प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री नागर सिंह चौहान ने वनोपज संग्रहण से जुडे परिवारों के लिये सामाजिक सुरक्षा दायरे और ज्यादा बढ़ाने के लिये संबंधित अधिकारियों को विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये हैं।
वनमंत्री ने कहा कि मप्र में वनोपज की बहुलता और विविधता है। वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने से इससे जुडे परिवारों को लाभ मिलेगा। इसके लिये जरूरी है कि प्रत्येक परिवार का डेटा बेस तैयार करायें जिससे सभी प्रकार के हितलाभ उन्हें दिये जा सके। कोई भी परिवार लाभ से वंचित नहीं रहे।
वन मंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुदूर अंचलों में साप्ताहिक हाट बाजारों में लघु वनोपजों का स्थानीय व्यापार होता है। कई बिचौलिये कम दामों में जनजातीय संग्राहकों से वनोपज खरीद लेते हैं और फिर ऊंचे दामों में बेचते हैं।
आंवला, अचार, महुआ, बहेडा, बेल गूदा, धवई फूल, चिरायता, नागरमोथा, पलाश फूल, निर्मली, बायविडंग, गटारन, गुडमार पत्ती, सतावर, सलई गोंद जैसी कई वनोपज संग्राहक लाते हैं लेकिन सही बाजार रणनीति के अभाव में वे सही पारिश्रमिक मिलने से वंचित रह जाते हैं। स्थानीय व्यापारियों को वे बेच देते हैं।
वन मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जब 32 प्रकार की वनोपजों का समर्थन मूल्य घोषित है तो संग्राहकों को भी उनकी मेहनत का दाम दिलाने के लिये उपयुक्त रणनीति बनायें। उन्होने कहा कि इन वनोपजों के दाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ते घटते रहते हैं। इसलिये वनोपजों का संग्रह कर रहे परिवारों को इसकी भी जानकारी होना चाहिए। संबंधित अधिकारी एक आसान व्यवस्था बनाये कि कि कैसे बाजार दरों की जानकारी संग्राहकों को हो सकती है।
अब तक 32 लघु वनोपजों का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जा चुका है। लघु वनोपजों के संग्रहण मूल्य निर्धारित होने से वनवासियों को इन वनोपजों के लिए बिचौलियों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। इससे उनके आर्थिक हालात सुधरेंगे।
जिन लघु वनोपजों का प्रथम बार समर्थन मूल्य प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है, उनमें जामुन बीज 42 रुपये, आंवला गुदा 52, मार्किंग नट (भिलावा) 9 रुपये, अनन्त फूल 35, अमलतास बीज 13, अर्जुन छाल 21, गिलोय 40, कोंच बीज 21, कालमेघ 35 रुपये, बायबडंग बीज 94, धवई फूल 37, वन तुलसी पत्तियाँ 22, कुटज (सुखी छाल) 31, मकोय (सूखी छाल) 24, अपंग पौधा 28, इमली (बीज सहित) 36, सतावरी की सूखी जड़ 107 और गुडमार लघु वनोपज 41 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।