Tuesday, November 26, 2024
Homeखेलहाईकोर्ट ने यूपी सरकार पर लगाया पांच लाख का जुर्माना

हाईकोर्ट ने यूपी सरकार पर लगाया पांच लाख का जुर्माना

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट से यूपी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मध्यस्थता एवं सुलह समझौता अधिनियम की धारा 36 के तहत हुए निस्तारित मामले को सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 47 के तहत चुनौती देने पर यूपी सरकार पर पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया है।

कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता एवं सुलह समझौते के तहत हुए अवार्ड को सीपीसी की धारा 47 के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी. सर्राफ ने यूपी सरकार की ओर से बिजनौर के राजबीर सिंह के खिलाफ दाखिल अपील को खारिज करते हुए दिया है।

कोर्ट ने मामले में यूपी सरकार की ओर से मामले में अपनाई गई रणनीति पर नाराजगी भी जाहिर की। कहा कि यह सरकार की विलम्ब और बाधा पैदा करने वाली व्यवहार की विशेषता है। कोर्ट ने कहा कि विलम्ब की रणनीति पक्षकारों को उनके उचित अधिकारों से वंचित करके अन्याय को कायम करने का काम करती है।

मामले में प्रतिवादी ने बिजनौर में मध्य गंगा नहर चरण-द्वितीय परियोजना के तहत मुख्य नहर पर ड्रेनेज, साइफन के निर्माण के लिए अनुबंध किया। विवाद होने पर मामला मध्यस्थता न्यायालय पहुंचा। न्यायालय ने मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत दाखिल अर्जी को खारिज कर दिया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। 2018 में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने देरी के आधार पर उसे खारिज कर दिया। साथ ही समीक्षा याचिका में उसे राहत नहीं दी। इसके बाद मामले में वाणिज्यिक न्यायालय मुरादाबाद में मामला पहुंचा। वाणिज्यिक न्यायालय ने प्रतिवादी के पक्ष में फैसला करते हुए अवार्ड राशि को मय ब्याज के साथ भुगतान का आदेश दिया।

यूपी सरकार ने उसे सीपीसी की धारा 47 के तहत चुनौती दी। कोर्ट ने राहुल एस शाह बनाम जिनेंद्र कुमार गांधी के फैसले के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दूसरे अन्य फैसलों का हवाला देते हुए यूपी सरकार की अपील को खारिज कर दी।

संबंधित समाचार

ताजा खबर