सनातन पंचांग में वैशाख मास की पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा कहते हैं। यह त्यौहार सनातन धर्मावलंबियों के साथ ही बुद्ध धर्म विशेष महत्व रखता है। इस दिन पवित्र नदियों एवं समुद्र में स्नान करने का विशेष महत्व है। वैशाख माह की पूर्णिमा का दिन चंद्र देव, भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं और उपवास रखते हैं उन्हें मानसिक पीड़ा से छुटकारा मिलता है और घर में खुशियों का आगमन होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पाण्डेय ने बताया कि सनातन मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन कई महत्वपूर्ण आध्यात्मिक घटनाएं हुईं हैं, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी विराट रूप का दर्शन दिया था। वैशाख पूर्णिमा को महर्षि भृगु जयंती तथा कुर्म अवतार की जयंती भी मनाई जाती है, क्योंकि कुर्म भगवान विष्णु के ही आवतार माने जाते हैं, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की विविध प्रकार की पूजा, अर्चना, सेवा और ध्यान किया जाता हैं। भारत के अनेक स्थानों पर यह दिन धर्मिक उत्सव और समाजिक मेले के रूप में भी मनाया जाता है।
पंडित अनिल पाण्डेय ने बताया कि बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म, प्रजन्म और महापरिनिर्वाण का स्मरण किया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म भक्तियात्रा, ध्यान और दान करते हैं। बौद्ध समुदाय धार्मिक कार्यक्रमों, मंदिरों में साधुओं और संतों के साथ समय बिताते हैं और बोध गया और मंदिरों में पूजा करते हैं।
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और श्रद्धा अनुसार गरीबों को कपड़े, भोजन और दक्षिणा का दान करें। सनातन मान्यता है कि ये सभी चीजों का दान करने से जातक को धन की प्राप्ति होगी और धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा पर गर्मी का प्रभाव अधिक होता है।
पंडित अनिल पाण्डेय ने बताया कि पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत बुधवार 22 मई 2024 दिन को शाम 6:50 बजे होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन गुरुवार 23 मई को शाम 7:25 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार वैशाख पूर्णिमा गुरुवार 23 मई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 9:18 बजे से रात अंत तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। भद्रा 23 तारीख को सुबह 7:15 बजे तक है। अतः वैशाख पूर्णिमा 23 में को सुबह 7:15 बजे के उपरांत पूरे दिन और रात मनाई जाएगी।