Friday, May 16, 2025
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14 मई को राशि परिवर्तन करेंगे गुरु ग्रह- जानें सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा गुरु का ये गोचर

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पाण्डेय,
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ,
व्हाट्सएप- 8959594400

वर्तमान में गुरु ग्रह वृष राशि में भ्रमण कर रहे हैं। पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार गुरु ग्रह का वृष राशि में प्रवेश 1 मई 2024 को दिन के 11 बजकर 1 मिनट पर हुआ था। इस वर्ष अर्थात 2025 में 14 मई को रात के 9:21 बजे से गुरु ग्रह वृष राशि से मिथुन राशि में गोचर करेंगे तथा इस पूरे वर्ष वे मिथुन राशि में ही रहेंगे। लोक विजय पंचांग के अनुसार गुरु ग्रह का वृष से मिथुन राशि में गोचर 9 मई को हो रहा है। विभिन्न पंचांग में समय का अंतर मिलेगा।

शुक्र, गुरु से शत्रु भाव रखता है। मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है। यह भी गुरु से शत्रु भाव ही रखता है। इस प्रकार इस गोचर से गुरु के प्रभाव में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं हो रही है।

गुरु का यह गोचर मेष सिंह और धनु राशि वालों के लिए लोह पाद से होगा। इसके कारण इन राशि वालों का जीवन संघर्ष मय होगा।  सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी होगी। मान-सम्मान में कमी होगी।  आर्थिक हानि होगी । परिवार में तनाव रहेगा। शांति रहेगी।

वृष कन्या और कुंभ राशि वालों के लिए यह गोचर ताम्र पाद से होगा। यह उनके लिए प्रगति का परिचायक है। इन राशि वालों को लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। वैभव, सुख-संपदा, प्रगति, रोजगार, सफलता मिलेगी, धर्म-कर्म और सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। 

कर्क, तुला और मीन राशि वालों के लिए गुरु का यह गोचर रजत पाद से होगा। इसके कारण इनको सफलता मिलेगी। प्रत्येक क्षेत्र में प्रयास सफल होंगे। आय के नये स्रोत बनेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार में बढ़ोतरी होगी। 

मिथुन, वृश्चिक और मकर राशि वालों के लिए गुरु का मिथुन राशि में प्रवेश स्वर्ण पाद से हो रहा है इसलिए उनके व्यापार और नौकरी में बढ़ोतरी होगी। पारिवारिक माहौल असंतुलित रहेगा। मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में कमी आएगी। भ्रमण भी करना पड़ सकता है।

आईये अब हम गुरु के गोचर का राशिवार विश्लेषण करते हैं-

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए गुरु तीसरे भाव में विराजमान है, जहां से वे सप्तम नवम और एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे। अविवाहित जातकों के लिए इस वर्ष विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं भाग्य से अच्छा सहयोग प्राप्त होगा थोड़ा बहुत धन भी आ सकता है।

वृष राशि

यहां पर गुरु दूसरे भाव में रहेंगे। शत्रु ग्रह की राशि में होने के कारण धन आने के मार्ग में कुछ परेशानियां रहेगी। पेट संबंधी विकार हो सकता है। दुर्घटनाओं से आप बच जाएंगे तथा कार्यालय में आपको सामान्य सहयोग प्राप्त होगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए जन्मस्थ गुरु पूज्य हैं। यह भाग्य में वृद्धि करेंगे। परंतु आपको शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतनी पड़ेगी। आपको अपने संतान से कम सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से संबंध अच्छे रहेंगे। भाग्य से भी आपको कोई खास मदद प्राप्त नहीं हो पाएगी। 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए गुरु बारहवें भाव में हैं। जहां से वे अच्छे प्रभाव नहीं देंगे। खर्चों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। आपकी प्रतिष्ठा में कमी आएगी। दुर्घटनाओं से बच के रहना पड़ेगा‌।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए गुरु एकादश भाव में है। यहां पर गुरु शुभ होते हैं। सामयिक समस्याओं का निवारण आपकी इच्छा के अनुरूप होगा। नए निवेश होंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। जीवन साथी को कष्ट संभव है। संतान से सहयोग प्राप्त होगा।

कन्या राशि

यहां पर गुरु दशम भाव में रहेंगे। जहां पर वे पूज्य होते हैं। कार्यालय में आपके थोड़ा सहयोग प्राप्त होगा। अनावश्यक परिवर्तन से आपको परेशानी हो सकती है। मानसिक चिंता में थोड़ी वृद्धि होगी। जनता में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पेट में परेशानी हो सकती है।

तुला राशि

यहां पर गुरु भाग्य स्थान पर हैं। जहां पर गुरु की उपस्थिति अच्छी मानी जाती है परंतु शत्रु राशि में होने के कारण भाग्य से आपको कोई विशेष लाभ नहीं हो पाएगा। भाई बहनों के साथ संबंध अच्छे चलेंगे। आपका स्वास्थ्य नरम-गरम रहेगा। आपको अपने संतान से बहुत कम सहयोग प्राप्त होगा ।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए अष्टम गुरु खराब माने जाते हैं मानसिक अशांति मतिभ्रम चित्त की अस्थिरता से परेशानी होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा सामान्य रहेगी। धन आने की उम्मीद की जा सकती है। कचहरी के कार्य में परेशानी होगी ।

धनु राशि

गुरुदेव सप्तम भाव में विराजमान है। जहां ये शुभ प्रभाव देते हैं। अविवाहित जातकों के विवाह तय हो सकते हैं। आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में खराबी आ सकती है। भाई बहनों के साथ संबंध सामान्य रहेंगे।

मकर राशि

गुरुदेव छठे भाव में हैं। जहां ये अच्छे फल नहीं देते हैं। आपको विभिन्न प्रकार की पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। आपके खर्चे में वृद्धि होगी। धन आने के मार्ग में कई बाधाएं आएंगी। कार्यालय में आपको सहयोगियों से सहयोग प्राप्त नहीं होगा। कार्यों में आकस्मिक व्यवधान आएगा।

कुंभ राशि

गुरुदेव पंचम भाव में है। यहां पर उनकी स्थिति शुभ मानी जाती है। परंतु गुरुदेव शत्रु राशि के भाव में है, अतः बहुत ज्यादा मदद नहीं कर पाएंगे। आपकी संतान को मामूली कष्ट हो सकता है। आपकी पढ़ाई में थोड़ी बाधा पड़ सकती है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। भाग्य से कोई विशेष लाभ नहीं होगा।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए चतुर्थ गुरु ठीक नहीं है। कार्यालय में आपको अपने साथियों से सहयोग प्राप्त होगा। दुर्घटनाओं का अंदेशा रहेगा। खर्चे में वृद्धि होगी। आर्थिक परेशानी रहेगी।

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