सावन मास को भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। सनातन हिन्दू मान्यता है कि देवशयनी एकादशी की तिथि से भगवान श्रीहरि विष्णु सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव को सौंपकर चार मास शयन के लिए चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास भी कहा जाता है। इस अवधि में सृष्टि के संचालन का भार भगवान शिव पर होता है।
सावन मास को श्रावण मास भी कहा जाता है। सावन मास भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती को भी अत्यंत प्रिय है। इस मास में भगवान शिव एवं माता पार्वती की आराधना और पूजन का विशेष महत्व है। यूं तो हर सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना का अत्यंत महत्व है, लेकिन भगवान शिव के प्रिय सावन मास के सोमवार का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, इस दिन भगवान शिव की आराधना और अभिषेक से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं, संकट मिट जाते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
2025 में सावन मास का आरंभ
इस वर्ष 2025 में सावन मास का आरंभ शुक्रवार 11 जुलाई 2025 से हो रहा है और सावन मास का समापन शनिवार 9 अगस्त 2025 को होगा। इस बार सावन के महीने में चार सोमवार पड़ेंगे। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में सावन मास का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ेगा और सोमवार 4 अगस्त 2025 को सावन मास का अंतिम और चतुर्थ सोमवार पड़ेगा।
श्रावण मास के सोमवार बहुत ही सौभाग्यशाली एवं पुण्य फलदायी माने जाते हैं, इस दिन व्रत और उपवास रखने से भगवान शिव की असीम कृपा बरसती है। सावन में भक्तगण भगवान शिव का विभिन्न तरीकों से अभिषेक करते हैं। सावन मास भगवान शिव का सबसे प्रिय मास है और इस दौरान यदि कोई भक्त पूरी आस्था के साथ भगवान शिव की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। सावन मास में सृष्टि के संचालन का भार भी भगवान शिव पर होता है, क्योंकि भगवान श्री हरि विष्णु इस काल में बैकुंठ में शयन करते हैं।
सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं। सावन मास में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है, इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, इसलिए हिन्दू धर्म में सावन सोमवार का विशेष महत्व है।
सावन मास में भगवान शिव की आराधन के साथ ही माता पार्वती की पूजा-आराधन का विशेष महत्व है। सावन मास के हर मंगलवार को किया जाने वाला मंगला गौरी का व्रत माता पार्वती को समर्पित रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत का भी विशेष महत्व है, कुंवारी कन्या अगर गौरी व्रत धारण करती है तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है तथा विवाह में हो रही अड़चन भी दूर हो जाती है। वहीं पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए सुहागन स्त्रियां मंगला गौरी का व्रत रखती हैं।
2025 में सावन सोमवार की तिथियां
शुक्रवार 11 जुलाई 2025- सावन मास प्रारम्भ
सोमवार 14 जुलाई 2025- प्रथम सावन सोमवार व्रत
सोमवार 21 जुलाई 2025- द्वितीय सावन सोमवार व्रत
सोमवार 28 जुलाई 2025- तृतीय सावन सोमवार व्रत
सोमवार 4 अगस्त 2025- चतुर्थ सावन सोमवार व्रत
शनिवार 9 अगस्त 2025- सावन मास समाप्त