
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ,
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राहु डेढ़ साल की लंबी अवधि के बाद राशि परिवर्तन करेंगे। राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। राहु का गोचर ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में अप्रत्याशित परिवर्तन, भ्रम, आकर्षण, छल और विदेशी तत्वों से संबंधित प्रभाव लेकर आता है।
राहु एक राशि में डेढ़ वर्ष रहता है और यह सदैव वक्री चाल चलता है। यह मिथुन और वृष राशि में उच्च का होता है तथा वृश्चिक और धनु राशि में नीच के होते हैं। यह अपने राशि परिवर्तन के तीन माह पूर्व से फल देना प्रारंभ कर देता है। राहु वर्ष के प्रारंभ से मीन राशि में है तथा 18 मई को सुबह 11:17 बजे से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
जब राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करता है, तो इसका असर सभी 12 राशियों पर अलग-अलग होता है।
मेष राशि
राहु का गोचर आपकी 11वीं भाव में होगा। आर्थिक लाभ के योग बनेंगे। नई मित्रता और नेटवर्किंग से फायदा होगा। निवेश में लाभ संभव है लेकिन लालच से बचें। कुछ झूठे मित्र धोखा दे सकते हैं। गलत रास्ते से धन आने का योग है।
वृष राशि
राहु का गोचर आपके 10वें भाव में होगा। करियर में अचानक परिवर्तन हो सकता है। नई नौकरी या स्थान परिवर्तन संभव है। उच्च अधिकारियों से टकराव की संभावना है। आपको चाहिए कि आप इससे बचें। पिता से मतभेद हो सकते हैं।
मिथुन राशि
राहु का गोचर 9वें भाव में होगा। धर्म व आस्था में भ्रम की स्थिति हो सकती है। लंबी यात्राएँ हो सकती हैं। भाग्य अचानक साथ देगा या धोखा भी दे सकता है। गुरु या पिता से टकराव होने की संभावना भी है।
कर्क राशि
राहु का गोचर 8वें भाव में होगा। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें। गुप्त शत्रु सक्रिय हो सकते हैं। रिसर्च, रहस्य, ज्योतिष, तंत्र में रुचि बढ़ेगी। अचानक धन हानि या लाभ दोनों संभव है।
सिंह राशि
राहु का गोचर 7वें भाव में होगा। वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकता है। जीवनसाथी के व्यवहार में बदलाव संभव है। व्यापार में आपको साझेदारी धोखा दे सकता है। कानूनी मामलों में सावधानी रखें।
कन्या राशि
राहु का गोचर 6वें भाव में होगा। शत्रुओं पर आपको विजय मिल सकती है। कोर्ट-कचहरी में आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। स्वास्थ्य में सुधार होगा।
तुला राशि
राहु का गोचर 5वें भाव में होगा। प्रेम संबंधों में धोखा हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आप प्रेम संबंधों में भ्रम की स्थिति में रहे। संतान को लेकर आपको चिंता हो सकती है। संतान को कष्ट हो सकता है। छात्रों की पढ़ाई में बाधा पड़ सकती है।
वृश्चिक राशि
राहु का गोचर 4वें भाव में होगा। आपके माता जी को कष्ट हो सकता है या आपका उनसे मतभेद हो सकता है। वाहन की खरीदी या संपत्ति की खरीदी में विवाद हो सकता है। आपका मानसिक तनाव बढ़ सकता है। घर बदलने की संभावनाएं भी हैं।
धनु राशि
राहु का गोचर 3वें भाव में होगा। इस गोचर से आप छोटी-छोटी यात्राएं करेंगे। जिनसे आपको लाभ भी होगा। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। भाई बहनों से सहयोग मिल सकता है। लेखन या मीडिया के कामों में अगर आप हैं तो आपकी तरक्की हो सकती है।
मकर राशि
राहु का गोचर 2वें भाव में होगा, जिसके कारण आपकी वाणी में कटुता बढ़ जाएगी। पारिवारिक विवाद हो सकते हैं। आपको खान-पान पर संयम रखना चाहिए। धन को लेकर भ्रम या धोखा हो सकता है।
कुंभ राशि
इस गोचर के उपरांत राहु आपकी लग्न राशि में आ जाएगा। आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखना चाहिए। दूसरों की राय पर भी आपको ध्यान देना चाहिए। आप अपने निर्णय में भ्रम की स्थिति में रहेंगे। आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा पर आपको अहंकार से बचना चाहिए।
मीन राशि
राहु का गोचर आपकी कुंडली के12वें भाव में होगा। इसके कारण आपका आध्यात्मिक रुझान बढ़ जाएगा। मानसिक बेचैनी या नींद की समस्या हो सकती है। खर्चों में अचानक वृद्धि होगी। आप विदेश की यात्रा कर सकते हैं या विदेशी लोगों के साथ संपर्क में आ सकते हैं।
राहु के अशुभ प्रभावों से बचने और राहु को शांत करने के प्रभावी उपाय
- आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन स्नान की उपरांत राहु मंत्र का जाप करें। राहु का जाप विशेष रूप से शनिवार, बुधवार या राहु काल (दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे के बीच) में जाप करना शुभ रहता है।
- राहु स्तोत्र या कवच का पाठ: राहु स्तोत्र, राहु कवच या अर्जुन द्वारा रचित नवग्रह स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
- बुधवार और शनिवार को नीले या काले रंग से परहेज़ करें।
- भगवान भैरव की पूजा करने से भी लाभ होगा। भैरव बाबा को सरसों का तेल, नारियल और काले तिल चढ़ाएं।